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सातु बहना बिजासन मां की महिमा निराली - Sabguru News
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सातु बहना बिजासन मां की महिमा निराली

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सातु बहना बिजासन मां की महिमा निराली
satu bahan bijasan mata joganiya dham pushkar
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सबगुरु न्यूज। आद्य शक्ति ने सृष्टि की रचना में कई देवी शक्तियों को प्रकट किया। इन शक्तियों में सात शक्तियों का अपना विशेष महत्व है। सृष्टि की इन सातु शक्तियों को एक सात आद्य शक्ति ने अपने पार्वती अवतार के साथ ही प्रकट किया था। सातु शक्ति को एक सामूहिक शक्ति के रूप में माना जाता है। यह सातु शक्तियां आद्या शक्ति के नागिन रूप में पालने में अवतरित हुईं, ऐसी मान्यता है।

पार्वती की इन सहेलियों ने अलग अलग रूप बना कर शिव के रूप पर तंज कसे तो शिव जी ने भी उन्हें वरदान दे दिया कि तुम सब दुनियां में अपने अपने रूप की तरह ही जानी जातीं रहोगी। इस पर पार्वती शिव पर क्रोधित हो गई तब तुरन्त शिव ने कहा यह वरदान है इन सातों की दुनियां में सर्वत्र पूजा इसी रूप में होगी। तब से सात बहनों की सात प्रकृति बन गई।

काल भेद, स्थान भेद, भाषा भेद से यह अलग अलग नामों से पुजने लगी। बाया सा महाराज, सातु बहना, बिजासन माता, महामाई, मावडलिया, जोगमाया, जोगणिया आदि कई नामों से इन देवियों को चमत्कारिक देवी के रूप मे आज भी गांव, ढाणी, मजरो, शहरों में पूजा जाता है।

किसी भी शुभ कार्य में मेहंदी, काजल, कुकू व पीठी की सात सात टिकियां दीवारों पर लगाई जाती हैं। शादी के अवसर पर भी बिजासन माता की उजली मैली पातडी विवाह में लायी जाती है।

इन्हें सांवली व उजली दो रूपों में पूजा जाता है तथा चावल, लापसी, पताशे, मोली, काजल, टीकी, मेहंदी, कुमकुम, सात भात की मिठाई, लकड़ी का पालना, पीली ओढनी आदि अर्पण किए जाते हैं।

ऐसी मान्यता है कि बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य तथा पति की लम्बी उम्र व घर में अन्न धन लक्ष्मी सदा बरसती रहे के लिए भी इन्हें पूजा जाता है। सप्तमी और चतुर्दशी इनकी पूजा के लिए विशेष दिन माने जाते हैं।

ऐसी मान्यता है कि आज भी तीनों संध्याओं मे सातु बहना का पालना आकाश मार्ग से सृष्टि में भ्रमण करता है। ईमली, बोरडी, गूंदी, बड इन पेडों में इनकी उपस्थिति मानी जाती है। कभी कभार तीनों सन्ध्या में इनके पालने से घुंघरू की आवाज सुनाई देती है।

जिनके संतान न हो या बाहरी बीमारी हो अथवा धन की कमी हो तो इनकी पूजा से तुरंत चमत्कार मिलते हैं। दैवी भागवत महापुराण के द्वादश स्कंध के मणि दीप अध्याय में सात शक्तियों का उल्लेख मिलता है।

सौजन्य : भंवरलाल