संयुक्त राष्ट्र। भारत ने उन अफवाहों का खंडन किया है, जिनमें कहा जा रहा था कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में होने वाले चुनाव के मद्देनजर ब्रिटिश उम्मीदवार क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के पक्ष में वह न्यायधीश दलवीर सिंह भंडारी का नाम वापस लेने को लेकर ब्रिटेन से बातचीत कर रहा है।
इन अफवाहों को खारिज करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि हम इस बात को समझते हैं कि कुछ ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है कि भारत और ब्रिटेन वार्ता कर रहे हैं और न्यायाधीश भंडारी अपना नाम वापस ले सकते हैं, क्योंकि उन्हें शायद जीतने का मौका नहीं मिले।
अकबरुद्दीन ने 160 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ भंडारी के स्वागत समारोह में घोषणा किया कि जब तक बहुमत का नतीजा आ नहीं जाता, तब तक हम यहां चुनाव में बने रहने का इरादा रखते हैं। उम्मीदवार को महासभा और परिषद, दोनों में स्पष्ट बहुमत हासिल करना होगा।
भंडारी के पास 193 सदस्यीय असेंबली के 121 मतों के साथ दो तिहाई बहुमत है, जबकि ग्रीनवुड के पास 15 सदस्यीय काउंसिल में से नौ का बहुमत प्राप्त है।
भंडारी और ग्रीनवुड के बीच हो रहे कांटे की टक्कर के मद्देनजर 20 नवंबर को एक और राउंड का चुनाव होना है। अकबरुद्दीन ने भी विधानसभा और परिषद दोनों से तीन-तीन प्रतिनिधियों वाले एक संयुक्त सम्मेलन का जोरदार विरोध किया, जिसमें कहा गया था कि यह लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ था।
अगर परिषद और महासभा की तीसरी चुनावी बैठक के बाद गतिरोध जारी रहता है, तो आईसीजे उम्मीदवार चुनने के लिए एक संयुक्त सम्मलेन कराता है। दो दिनों में अब तक 11 राउंड का चुनाव महासभा में 10 राउंड का चुनाव परिषद में हो चुका है।
दोनों चेम्बर में बहुमत के साथ पहले दिन नौ नवंबर को चार अन्य चुने गए। उसके बाद सात राउंड का मतदान भंडारी और ग्रीनवुड के लिए महासभा में और छह राउंड का मतदान परिषद में हुआ।
अकबरुद्दीन ने हालांकि ब्रिटिश राजनयिकों से मिलने की बात स्वीकार की और कहा कि हां, हमने बात की है। बेशक.. हम राजनयिक हैं, हम और क्या करते हैं? हमने बात की, लेकिन एक बार भी इस तरह का प्रस्ताव नहीं दिया गया।