जयपुर। राजपूत समुदाय के संगठन राजपूत करणी सेना ने मंगलवार को संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ पर पूरे देश में प्रतिबंध लगाए जाने का आग्रह किया।
राजपूत करणी सेना के संस्थापक संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि छह राज्य पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वे अपने राज्य में फिल्म रिलीज नहीं करेंगे। हम इसका स्वागत करते हैं।
इसके रिलीज की नई तारीख के घोषित होने तक हम चाहते हैं कि कम से कम 20 मुख्यमंत्री इसे रिलीज नहीं करने की घोषणा करें। सिनेमैटोग्राफी अधिनियम की एक धारा के अनुसार राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। केंद्र किसी फिल्म को सेंसर बोर्ड की मंजूरी से पहले या बाद में भी प्रतिबंध लगा सकता है।
उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री से फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के मामले में दखल देने का आग्रह करते हैं। कालवी ने चेतन सैनी की मौत मामले में गहन जांच की मांग की। चेतन सैनी का शव शुक्रवार को नाहरगढ़ किले की बाहरी दीवार से लटका हुआ पाया गया था और पास ही कोयले से पद्मावती फिल्म को लेकर संदेश लिखे मिले थे।
उन्होंने इस घटना के संदर्भ में कहा कि सवाल है कि कौन जयपुर के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहता है और दूसरा सवाल यह कि शव के पास हम पुतले नहीं जलाते, लटकाते भी हैं’ लिखकर किसने करणी सेना को धमकी दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में एसएलबी समूह की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ अपनी शूटिंग के समय से ही विवादों में है। करणी सेना व दूसरे समूह फिल्म का विरोध कर रहे हैं। इनका दावा है कि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है। जबकि भंसाली का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है। फिल्म ‘पद्मावती’ पहले एक दिसंबर को रिलीज होनी थी, जिसे टाल दिया गया है।