भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को विपक्ष ने महिला अत्याचार पर चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया, जिसके चलते दो बार कार्यवाही स्थगित हुई।
प्रश्नकाल के बाद विधानसभा अध्यक्ष द्वारा महिला अत्याचार पर शुक्रवार को चर्चा कराए जाने का आश्वासन देने पर कांग्रेस विधायक शांत हुए और कार्यवाही आगे बढ़ सकी।
कांग्रेस राजधानी में कोचिंग से लौट रही छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म सहित अन्य स्थानों पर इस तरह की बढ़ रही घटनाओं को लेकर विधानसभा में चर्चा कराना चाहती है। इसके लिए स्थगन प्रस्ताव भी दिए गए हैं। गुरुवार को कांग्रेस के विधायकों ने फिर यह मसला उठाया।
सदन की बैठक शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तू-तू, मै-मै होने लगी। विपक्ष जहां महिला अत्याचार पर चर्चा की बात कर रहा था, वहीं सत्ता पक्ष बुधवार को नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह द्वारा अध्यक्ष को लेकर की गई टिप्पणी पर सवाल उठा रहा था। महिला अत्याचार पर चर्चा का अध्यक्ष की ओर से संतोषजनक जवाब न मिलने पर कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया।
कांग्रेस की ओर से विधायक रामनिवास रावत, सुंदरलाल तिवारी, सचिन यादव सहित अन्य विधायक चर्चा की मांग पर अड़े रहे, वहीं सत्ता पक्ष की ओर से मंत्री गोपाल भार्गव और उमाशंकर गुप्ता ने मोर्चा संभाला। हंगामा बढ़ता गया, जिससे अध्यक्ष को दो बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और प्रश्नकाल ठीक से नहीं हो पाया।
विधानसभाध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा ने प्रश्नकाल के बाद घोषणा की कि कांग्रेस विधायकों ने जो स्थगन दिया है, उस पर एक दिसंबर शुक्रवार को चर्चा कराई जाएगी। इस पर कांग्रेस के विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि यही बात शुरू में कह दी जाती तो बेहतर होता।
अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों से प्रश्नकाल के दौरान शांत रहने का कई बार अनुरोध किया और कहा कि वे 12 बजे तक तो इंतजार करें, मगर कांग्रेस विधायक तुरंत फैसला चाहते थे।
ज्ञात हो कि बुधवार को भी कांग्रेस विधायकों ने इसी मसले पर चर्चा कराने की मांग करते हुए सदन में हंगामा किया था। इसके चलते पूरे दिन की कार्यवाही स्थगित की गई थी। कांग्रेस विधायकों ने गांधी प्रतिमा के सामने मौन धरना भी दिया था।