तिरुवनंतपुरम। भारतीय नौसेना और तट रक्षक बल के जवानों ने केरल और तमिलनाडु में एक दिन पहले आए तूफान के बाद 33 मछुआरों (केरल के) को बचा लिया है और 70 अन्य का भी पता लगा लिया है।
श्रीलंकाई तट के पास बंगाल की खाड़ी में दबाव बनने से केरल के दक्षिणी जिलों और तमिलनाडु में आए चक्रवाती तूफान के चलते गुरुवार को कई लोगों की मौत हो गई। यह तूफान अब पश्चिम की ओर बढ़ गया है।
केरल की मत्स्य पालन मंत्री जे. मर्सीकुट्टी ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के साथ बैठक की है और उन्हें वास्तविक हालात के बारे में अब पूरी जानकारी है।
मर्सीकुट्टी ने कहा कि यह कहना गलत है कि मछुआरे लापता हैं। बचाव दल ने 33 मछुआरों को बचा लिया है और 70 अन्य जो अभी भी गहरे समुद्र में हैं, उन लोगों ने भेज गए संदेशों का जवाब देना शुरू कर दिया है।
नवीनतम मौसम बुलेटिन के अनुसार मौसम विभाग ने दक्षिण तमिलनाडु और दक्षिण केरल के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की आशंका जताई है।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने खराब मौसम की सूचना मिलते ही तत्परता के साथ काम शुरू कर दिया और कल दोपहर से हम अपना काम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाई और एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया। हम नौसेना और तटरक्षक बल के संपर्क में हैं।
बचाव दल द्वारा बचाए गए तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे के पास के मछुआरे मुथप्पन ने मीडिया को बताया कि वह और चार अन्य मछुआरे नौका में थे, तभी गुरुवार अपराह्न करीब दो बजे गहरे समुद्र में हलचल होने लगी और स्थिति भयावह होने लगी।
उन्होंने बताया कि तेज लहरों ने उन्हें नौका से बाहर फेंक दिया और उनमें से चार पलटी हुई नौका को ही पकड़े रहे, जबकि एक अन्य शख्स केरोसिन का पीपा पकड़े रहा।
मुथप्पन ने कहा कि तीन घंटे बाद एक अन्य नौका द्वारा उन्हें बचाया गया। मुथप्पन को यहां एक जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पूवर, विझिंजम, कोवलम जैसे तटीय गांवों के गुस्साए मछुआरों ने बचाव कार्यो में तेजी नहीं लाने पर राजमार्गो को बंद करने की चेतावनी दी है।