नई दिल्ली। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने शुक्रवार को कहा कि हिद महासागर में डकैती रोधी अभियान के लिए चीन द्वारा पनडुब्बियां तैनात करना अजीब बात है। उन्होंने कहा कि भारत ने भी खतरे का आकलन किया है।
हिंद महासागर क्षेत्र में कई बार चीनी पनडुब्बियों को देखा गया है और चीन ने दावा किया है कि वह डकैती रोधी अभियान में सहायता कर रहा था।
नौसेना दिवस से पहले सालाना संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एडमिरल लांबा ने कहा कि 2013 से चीन की पीएलएएन पनडुब्बियां लगातार हिंद महासागर में देखी जा रही हैं और वहां दो पनडुब्बियों को वैकल्पिक रूप से तैनात किया गया है, जिसमें से एक परमाणु रहित पनडुब्बी और एक परमाणु चालित पनडुब्बी है।
उन्होंने कहा कि वे कह सकते हैं कि यह एक समुद्री डकैती रोधी अभियान है, लेकिन पनडुब्बी को यह कार्य सौंपना अजीब है।
उन्होंने कहा कि डकैती रोधी अभियान के लिए पनडुब्बी की तैनाती उचित नहीं है और भारत ने इसे एक खतरे के रूप में लिया है।
उन्होंने कहा कि जब आपके क्षेत्र में पनडुब्बियां हों, तो आपको इसे एक खतरे के रूप में लेना चाहिए, इसलिए हमने इसका आकलन एक खतरे के रूप में किया है।
उन्होंने कहा कि चीनी नौसेना के जहाज हिंद महासागर में 2008 से आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस साल अगस्त में एक दफा हिंद महासागर में चीनी नौसेना के कम से कम 14 जहाज मौजूद थे।