खजुराहो। मध्य प्रदेश की पर्यटन नगरी खजुराहो में शनिवार से दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन शुरू हुआ। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि देश की समृद्धि के लिए गांव को समृद्ध बनाना होगा।
दुर्भाग्य यह है कि जिन्हें हमने अपना प्रतिनिधि बनाया, वे ही तिजोरी को लूटने में लग गए। मेला मैदान में सम्मेलन का उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। अन्ना सम्मेलन में कुछ देर से पहुंचे, तब तक मुख्यमंत्री जा चुके थे।
अन्ना हजारे ने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि और सरकारें आम आदमी की सेवक हैं। वास्तव में मालिक तो जनता है, मगर मालिक ही सो गया है, इसलिए सेवक लूट में लग गया है।
अन्ना ने अपने जीवन के संघर्ष की चर्चा करते हुए कहा कि जब वह 25 वर्ष के थे, तभी उन्होंने तय कर लिया था कि वे समाज के लिए काम करेंगे। इसीलिए शादी नहीं की। उसके बाद समाज के लिए अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि मैं युवाओं से यह नहीं कहूंगा कि वे भी शादी न करें, मगर इतना जरूर कहूंगा कि वे देश और समाज के लिए काम करें।
इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मेलन में कहा कि यहां मुख्यमंत्री नहीं, एक जल प्रेमी की हैसियत से आए हैं। जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने तालाबों का मुद्दा उठाया है। प्रशासन को निर्देश है कि वह तालाबों का सीमांकन, चिह्नीकरण कराने के बाद वहां हुए अतिक्रमण हटाए।
चौहान ने कहा कि बुंदेलखंड में हजारों तालाब हुआ करते थे, मगर अब वे अस्तित्व खो चुके हैं। नए तालाब, छोटे बांध आदि बनाए गए हैं। इसके साथ ही पौधारोपण किया जा रहा है। सरकार ने नर्मदा के संरक्षण के लिए नदी सेवा यात्रा निकाली।
मुख्यमंत्री ने जल सम्मेलन में मौजूद लोगों से कहा कि वे इस सम्मेलन में निकले निष्कर्ष से उन्हें अवगत कराएं। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि बुंदेलखंड के तालाबों के संरक्षण के लिए तालाबों का सीमांकन, चिन्हीकरण किया जाए और अतिक्रमण हटाए जाएं।
सम्मेलन में अन्ना हजारे, जल कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह ने गांवों की स्थिति और जल स्रोतों के संरक्षण का मुद्दा उठाया। उन्होंने देश में नदियां और तालाब के हालत का जिक्र करते हुए कहा कि यहां अतिक्रमण का बोलबाला है, गंदगी मिल रही है। वहीं जलस्रोत अपना अस्तित्व खो रहे हैं। सम्मेलन में देश भर के पर्यावरण प्रेमी हिस्सा ले रहे हैं। मेला मैदान में बुंदेलखंड की स्थिति को दर्शाने वाली प्रदर्शनी भी लगाई गई है।