नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार ने लोकपाल अधिनियम में संशोधन कर भ्रष्टाचार रोधी तंत्र को कमजोर किया है।
उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में 23 मार्च 2018 से आंदोलन की घोषणा करते हुए कहा कि कांग्रेस व भाजपा, दोनों उद्योगपतियों की समर्थक हैं और उन्हें किसानों की समस्याओं की कोई चिंता नहीं है। हजारे फसलों की लाभदायी कीमतों व मजबूत लोकपाल लिए दबाव बनाएंगे।
हजारे ने संवाददाताओं से कहा कि मनमोहन सिंह सरकार ने लोकपाल अधिनियम को बनाए जाने के दौरान इसे कमजोर किया था। अब मोदी सरकार ने धारा 44 में संशोधन कर इसे और कमजोर कर दिया है जिसमें कहा गया है कि सरकारी अधिकारियों के संबंधियों को संपत्ति का विवरण जमा नहीं करना होगा।
उन्होंने कहा कि रोचक है कि संशोधन विधेयक को लोकसभा व राज्यसभा ने बिना चर्चा किए एक बार में पारित कर दिया। भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता ने कहा कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त भारत की बात कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ वह भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों को कमजोर कर रही है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने से संबंधित पांच विधेयक बीते पांच साल से संसद में अटके पड़े हैं। कोई इनके बारे में नहीं सोच रहा है। भ्रष्टाचार रोधी कानूनों को मोदी क्यों कमजोर कर रहे हैं?
उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसानों के बारे में बहुत बातें की थीं लेकिन बीते तीन साल में सत्ता में रहने के दौरान उसने इनके लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दों पर उन्होंने केंद्र सरकार को तीस पत्र लिखे लेकिन अभी तक उन्हें किसी का जवाब नहीं मिला।