गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री गोगोई ने सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डा. मोहन भागवत के असम दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मीडिया उनके बारे में कुछ भी नहीं बता रही है। वे असम में बीते तीन दिनों से क्या कर रहे, क्यों आए हैं इसकी कोई समीक्षा नहीं कर रहा है। हालांकि उन्होंने भागवत के असम दौरे का स्वागत भी किया।
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी कार्यालय के सभागार में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपरोक्त बातें कही। उन्होंने हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के असम दौरे के दौरान असम की सड़कों के लिए 8 हजार करोड़ रुपए दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह पैसा पूर्ववर्ती हमारी यूपीए सरकार ने दिया है। उन्होंने अभी तक कुछ भी नहीं दिया है। साथ ही कहा कि राज्य में सड़क परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं।
साथ ही गडकरी द्वारा 10 सड़क परियोजनाओं के शिलान्यास के संबंध में कहा कि ये सभी परियोजनाएं यूपीए सरकार के समय में वर्ष 2009-10 के दौरान ही पारित हो चुकी थीं। मोदी सरकार ने असम के लिए कुछ भी नया नहीं किया है।
मुख्यमंत्री गोगोई ने बांग्लादेश के साथ भूमि समझौते से असम को बाहर किए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि इस समझौते के पीछे मंशा थी कि बांग्लादेश से लगातार हो रही घुसपैठ को स्थायी रूप से बंद किया जा सके। क्योंकि भूमि समझौते के बिना अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बाड़ का निर्माण संभव नहीं है। साथ ही कहा कि भाजपा जब विपक्ष में थी तो घुसपैठ के मुद्दे को जोरशोर से उठा रही थी, लेकिन अब चुप्पी साध ली है। इससे यह साबित गया है कि भाजपा की घुसपैठ को लेकर क्या मंशा है।
गोगोई ने राज्य में जारी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर उन्नीतकरण के संबंध में कहा कि हमने ही इसे आरंभ किया है। ताकि राज्य से बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर खदेड़ा जा सके। इसको लेकर भी भाजपा लोगों में गलत संदेश प्रेषित करने की कोशिश कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकारों के लिए आवंटित पूंजी अभी तक राज्य सरकारों को नहीं मिली है। इससे यह भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है कि किस राज्य को कितना पैसा मिलेगा। पैसा नहीं मिलने से राज्य का विकास बाधित हो रहा है।