मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को वित्त वर्ष 2017-18 की अपनी पांचवी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में बढ़ती महंगाई का हवाला देते हुए प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। केंद्रीय बैंक ने पुनर्खरीद दर या वाणिज्यिक बैंकों के लिए अल्पकालिक ऋण दर (रेपो रेट) छह फीसदी पर बनाए रखा है।
इसी हिसाब से, रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। आरबीआई ने कहा कि जीवन स्तर की लागत और महंगाई को निर्धारित करनेवाले दो प्रमुख कारक -खाद्य और ईंधन महंगाई- में नवंबर में वृद्धि दर्ज की गई है।”
आरबीआई ने चौथे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य में कहा कि यही कारण है कि एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) ने रेपो रेट को वर्तमान दर पर ही रखने का फैसला किया है।
बयान में कहा गया है कि एमपीसी का निर्णय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति में चार फीसदी की वृद्धि दर बनाए रखने के लिए मध्यम अवधि के लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य के अनुरूप है।
यह निर्णय आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल के नेतृत्व में छह सदस्यीय एमपीसी में लिया गया। समिति के पांच सदस्यों ने प्रमुख ऋण दर को बनाए रखने के पक्ष में मतदान किया। अपनी पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में भी केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट छह फीसदी पर बरकरार रखा था।