नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने बुधवार को राम मंदिर मुद्दे पर होने वाले एक और कार्यक्रम को स्थगित कर दिया और कहा कि विश्वविद्यालय सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखना चाहता है।
रिक्लेमिंग द रिपब्लिक कार्यक्रम को जेएनयू छात्र संघ आयोजित करवा रहा था, जिसमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव प्रकाश करात, महिला अधिकार कार्यकर्ता कविता कृष्णन और जेएनयू में अर्थशास्त्र के प्राध्यापक जयती घोष और अन्य 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस पर बोलने वाले थे।
छात्रसंघ अध्यक्ष की ओर से जारी पत्र के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन ने सांप्रदायिक सौहार्द्र, शांति व स्थिरता बनाए रखने के लिए परिसर में राम जन्मभूमि व बाबरी मस्जिद पर जनसभा और चर्चा को स्थगित कर दिया।
पत्र के अनुसार कई मुद्दों पर अकादमिक चर्चाओं की हमेशा इजाजत दी जाती है, जोकि ज्ञान बढ़ाने और समाजिक व्यवस्था में योगदान देते हैं।
इससे पहले इसी मुद्दे पर मंगलवार शाम एक और परिचर्चा ‘व्हाय राम मंदिर इन अयोध्या’ को स्थगित कर दिया गया था। विश्वविद्यालय के कोयना होस्टल के वरिष्ठ वार्डन की ओर से जारी पत्र के अनुसार, विश्वविद्यालय ने बिना कोई कारण बताए इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया। यह कार्यक्रम इसी छात्रावास में आयोजित किया जाना था।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रह्मण्य स्वामी ने बुधवार को कहा कि जेएनयू के अधिकारियों ने राम मंदिर के पक्ष में उनके जोरदार बहस के डर से यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के 25 साल पूरे होने पर आयोजित किया जा रहा था।