तिरुवनंतपुरम। विवादास्पद मलयालम फिल्म ‘एस दुर्गा’ की स्क्रीनिंग आगामी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ केरला में तभी होगी जब इसे अदालत से मंजूरी मिलेगी। राज्य के संस्कृति एवं सिनेमा मंत्री एके बालन ने यहां बुधवार को यह बात कही।
फिल्म के निर्देशक सनल कुमार शशिधरण के अथक प्रयासों के बावजूद इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ गोवा (आईएफएफआई) में फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं हो पाई थी।
शशिधरण ने केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने फिल्म के सेंसर संस्करण को जूरी के सामने दिखाए जाने के बाद आईएफएफआई को फेस्टिवल में फिल्म की स्क्रीनिंग का आदेश दिया। लेकिन फेस्टिवल के आखरी दिनों में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा फिल्म के शीर्षक पर उठाए गए मुद्दों के कारण ‘एस दुर्गा’ की स्क्रीनिंग नहीं हो पाई।
बालन ने यहां मीडिया को बताया कि हम यह सुन रहे हैं कि निर्देशक सनल कुमार शशिधरण वापस कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं, क्योंकि सेंसरशिप प्रमाणपत्र वापस ले लिया गया है। अगर अदालत फिल्म को मंजूरी दे दती है, तो हम निश्चित रूप से फिल्म को यहां प्रदर्शित करेंगे। अगर मंजूरी नहीं मिलती तो फिल्म नहीं दिखाई जाएगी।
बालन ने कहा कि आईएफएफके के इस सत्र में 65 देशों की 190 फिल्में दिखाई जाएंगी, जिसमें 40 का यहां प्रीमियर होगा।
बालन ने कहा कि चक्रवाती तूफान ओखी की आपदा के बाद हमने सांस्कृतिक कार्यक्रम को रद्द करने का निर्णय लिया है, जो आम तौर पर आईएफएफके से जुड़ा होता है। यहां तक कि उद्घाटन को भी रद्द कर दिया गया है और केवल इन फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी। समापन समारोह के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान निर्देश के अनुसार राष्ट्रीय गान को स्क्रीनिंग के शुरू और अंत में बजाया जाएगा। बालन ने कहा कि अगर राष्ट्रीय गान का उल्लंघन किया जाता है, तो इसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
आईएफएफके की जूरी में स्टार निर्देशक मार्को मुलर शामिल हैं, जो फेस्टिवल के अध्यक्ष होंगे। अन्य जूरी में मलयालम निर्देशक टीवी चंद्रन, कोलंबियन अभिनेता मारलॉन मोरेनो, फिल्म संपादक मैरी स्टीफन और फिल्म क्यूरेटर अबूबैकर सानागो शामिल हैं। फेस्टिवल के लिए सभी 12,000 पास जारी किए गए हैं।