जयपुर। भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने में शामिल होने के लिए दोषी करार देते हुए बुधवार को सत्र न्यायालय ने तीन पाकिस्तानी नागरिकों समेत लश्कर-ए-तैयबा के आठ आतंकियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
अदालत ने उनपर तीन-तीन लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। विशेष लोक अभियोजक महावीर जिंदल ने बताया कि अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश पवन गर्ग ने गैर कानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम के तहत फैसला सुनाया।
अदालत ने 30 नवंबर को इन सभी आठ आतंकियों को गैर-कानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने, साजिश रचने, आतंकी वारदातों के लिए लोगों की भर्ती करने और आतंकी गुट या संगठन का सदस्य होने के जुर्म में दोषी करार दिया था।
अभियुक्तों में असगर अली, शकरउल्ला और शाहिद इकबाल पाकिस्तानी हैं और बाबू ऊर्फ निशाचांद अली, हाफिज अब्दुल, पवन पुरी, अरुण जैन और काबिल भारतीय नागरिक हैं।
राजस्थान के आतंकवाद रोधी दस्ते ने 2010 में इन्हें गिरफ्तार किया था। इनपर पाकिस्तान स्थित लश्करे तैयबा के संपर्क में रहने का आरोप था।