जयपुर। डेढ साल बीतने पर भी अच्छे दिन का अहसास नहीं होने का दर्द सोमवार को भाजपा मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं की जनसुनवाई के दौरान छलक पडा। सत्ता में आए डेढ साल बीतने पर भी जनता और कार्यकर्ताओं को अच्छे दिन का अहसास नहीं होने की तकलीफ से कार्यकर्ताओं ने मंत्रियों को अवगत करवाया। सता और संगठन में बेहतर समन्वय को लेकर शुरू हुए इस कार्यक्रम के पहले दिन चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड,कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, पर्यटन मंत्री कृष्णेन्द्र कौर दीपा और प्रदेश उपाध्यक्ष रामकिशोर मीणा ने भाजपा पदाधिकारियों की ओर से भेजे गये प्रकरणों की सुनवाई की।
जनसुनवाई में बेरोजगार युवा भी रोजगार देने की मांग को लेकर फरियाद की। जयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र से आये बेराजगार युवा ने अपने आप को भाजपा कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि उन्हे सरकार से काफी उम्मीदे थी, लेकिन सरकार के कार्यकाल को एक साल से ज्यादा समय होने के बावजूद नौकरियों सम्बन्धित विज्ञप्ति नहीं निकाली गई है। ऐसे में युवा वर्ग में काफी निराशा व्याप्त है।
चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड ने बताया कि पहले दिन राज्य भर से करीब सौ प्रकरण सामने आये हैं। इनमें कुछ प्रकरणों में अधिकारियो को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये हैं वहीं कुछ मामलो को सम्बन्धित विभागो को भेजा गया है। राठौड ने कहा कि जनसमस्या कार्यक्रम में आई समस्याओं के समय सीमा के अंदर निस्तारण किया जाएगा। जनसुनवाई कार्यक्रम में मौजूद कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि जनसुनवाई कार्यक्रम का लोगों को काफी फायदा मिलेगा। सैनी ने कहा कार्यक्रम के पहले दिन आई जनसमस्याओ में काफी सारी समस्यायें गांवो और बिजली पानी से जुडे मुददो को लेकर थी। जिनका समाधान करने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।
भाजपा कार्यकर्ताओ की अभिषंसा पर जनसुनवाई में मंत्रियों से समस्याओं का निस्तारण करवाने की इस कवायद को राजनीतिक हलकों में सता और संगठन में समन्वय करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। खास बात यह है कि लम्बे अरसे बाद शुरू हुए जनसुनवाई कार्यक्रम में पहले के मुकाबले भीड काफी कम थी। हांलाकि फरियादियों की कम संख्या को लेकर मंत्रियो का तर्क था कि घरों पर नियमित सुनवाई के चलते लोगों की समस्यायें कम हुई है। बहरहाल जनसुनवाई का सिलसिला जारी रहेगा। जनसुनवाई में कार्यकर्ताओं के साथ साथ युवाओं का दर्द भी उभरकर सामने आ गया। जनसुनवाई कार्यक्रम में आये कार्यकर्ताओ में जहां राजनैतिक नियुक्तिया नहीं होने का दुख खुलकर नजर आया। वहीं सुनवाई कार्यक्रम में आये युवावर्ग में रोजगार नहीं मिलने को लेकर नाराजगी नजर आई।
भाजपा कला प्रकोष्ठ से जुडे मूलचंद भारती भांड ने अपनी पीडा जताते हुए कहा कि वे घुमन्तू जाति से है। उन्हे भी राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार हैं। उन्होंने बताया कि जैसे पूर्ववर्ती सरकार ने गोपाल केशावत को घुमन्तु बोर्ड का अध्यक्ष बनाया वैसे भी भाजपा सरकार को भी इस बोर्ड को चलाना चाहिये ताकि घुमन्तु जातियों की समस्याओ को दूर किया जा सके। भारती ने बताया कि उन्होंने जनसुनवाई में उनके बकाया पेमेन्ट जारी करने की गुहार की है।
सालभर बाद ली सुध, पहुंचे कम कार्यकर्ता
करीब एक साल के अंतराल के बाद सोमवार से भाजपा मुख्यालय कार्यकर्ताओं की सुनवाई दुबारा शुरू हुई। पहले दिन हुई जनसुनवाई में राज्य भर से सौ से अधिक जनससमस्याओं से जुडे प्रकरण सामने आये। सुनवाई में मौजूद मंत्रियो ने अधिकारियो को इन समस्याओं को तत्काल हल करने के निर्देश दिए। सुनवाई में भाजपा के मंडल स्तर तक के जिम्मेदार पदाधिकारियो के माध्यम से आये प्रकरणों को ही शामिल किया गया। जनसुनवाई के दौरान भाजपा मुख्यालय पर पिछले साल के मुकाबले में फरियादियों की भीड काफी कम है।