जयपुर। सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल के लिए भाजपा मुख्यालय पर शुरू हुआ मंत्री दरबार फेल होता नजर आ रहा है। मंगलवार को दूसरे दिन करीब 70 लोग ही अपनी शिकायतें लेकर यहां पहुंचे। दूर-दराज से अपनी समस्याएं लेकर यहां पहुंचे लोगों भी निराशा ही हाथ लगी, क्योंकि मौके पर उनका समाधान ही नहीं हुआ।
इसके अलावा कार्यकर्ता वे शिकायतें ही ज्यादा लेकर आए जिनके लिए वे लंबे समय से मांग कर रहे हैं। इधर, जनसुनवाई के बीच ही कई संगठनों के पदाधिकारी भी पहुंच गए और मंत्रियों के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करवाई।
मंगलवार को मंत्री दरबार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी, खाद्य एवं रसद आपूर्ति मंत्री हेमसिंह भडाना और वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री राजकुमार रिणवा के साथ संगठन की ओर से जगमोहन भदेल ने समस्याएं सुनी।
इस दौरान कई शिकायतों के निवारण के लिए मंत्रियों ने मौके पर अधिकारियों को फोन कर निर्देश दिए। मंगलवार को आई शिकायतों में अधिकांश शिकायतें स्थानान्तरण को लेकर ही रही। हालांकि स्थानान्तरण के लिए मंत्री किसी को भी संतुष्ट नहीं कर पाए।
मंत्रियों के समक्ष शिकायत लेकर पहुंचे कार्यकर्ताओं में मंत्रियों के साथ फोटो खिचवाने का भी चस्का नजर आया। इस दौरान कई लोग तो अपने साथ दूसरे लोगों को सिर्फ मोबाइल से फोटो खींचने को ही साथ में लेकर गए थे। इसमें ज्यादा फोटो राजकुमार रिणवा और अरुण चतुर्वेदी के साथ खिंचवाए गए वहीं दूसरी ओर अपनी शिकायत सुनाने के लिए भी कार्यकर्ताओं की पहली पसंद अरुण चतुर्वेदी ही बने रहे।
जनसुनवाई में प्रतिबंध के बावजूद कई संगठनों के कार्यकर्ता अपनी सामूहिक शिकायतें लेकर वहां आए। हालांकि सभी की शिकायतें भी दर्ज की गई और मंत्रियों से मिलने का मौका भी दिया गया, किन्तु जब कई संगठन वहां आ गए तो संगठनों को अंदर जाने से मना कर दिया गया। इसके लिए कहा गया संगठनों के कार्यकर्ता अपनी समस्याएं मंत्रियों के बंगलों पर सुनवाई में बता सकते हैं। इसके बाद संगठनों के कार्यकर्ताओं को अंदर नहीं जाने दिया गया।
लोग मंत्री पर, मंत्री अधिकारियों पर बिफरे
सुनवाई के बाद जैसे ही चतुर्वेदी कमरे से बाहर निकले वहां जयपुर के बगडिया भवन स्थित पंचशील नगर के लोग आ गए और उन्होंने पानी की समस्या को लेकर मंत्री को खरी खोटी सुनाई। उन्होंने बताया कि एक माह से इलाके में पानी नहीं आया है और लोगों को टेंकरों से पानी डलवाना पड़ रहा है। इस पर चतुर्वेदी ने भी तत्काल एक अभियन्ता को फोन कर जमकर लताड़ लगाई और पानी सप्लाई दुरुस्त कराने के निर्देश दिए।
जनसुनवाई के दौरान पुलिस में सुनवाई नहीं होने, आम रास्ते से अतिक्रमण हटाने, समाज कल्याण और रसद विभाग में अधिकारियों की लापरवाही आदि की शिकायतें ज्यादा रही।