चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला खुलेआम अपनी पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं। इतना ही बल्कि वे पार्टी की स्टारप्रचारकों की सूची में भी शामिल हैं। स्वास्थ्य आधार पर जमानत पर चल रहे चौटाला का इस तरह चुनाव प्रचार में कूदना अब निर्वाचन आयोग के लिए भी अबूझ पहेली बन गया है।…
चौटाला के विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के लिए प्रचार करने के विवाद से पल्ला झाड़ते हुए निर्वाचन आयोग ने शनिवार को कहा कि इस मुद्दे पर संज्ञान सक्षम अदालत ही ले सकती है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी. एस. संपत ने कहा कि इनेलो की तरफ से सौंपी गई सूची के मुताबिक चौटाला इनेलो के स्टार प्रचारकों में से एक हैं।
शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत से दोषी करार दिए जा चुके चौटाला दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत लेकर जेल से बाहर है। निचली अदालत ने उन्हें 10 साल कैद की सजा सुनाई है। उन्होंने बीमारी के बहाने जमानत मांगी थी।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री खुलेआम अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रहे हैं। वे हर रोज कई राजनीतिक रैलियां करते हैं। उन्होंने खुलेआम कहा कि यदि इनेलो जीतती है तो वे तिहाड़ जेल के भीतर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और वहीं से सरकार चलाएंगे।
कानूनी प्रावधान के अनुसार, चौटाला चुनाव नहीं लड़ सकते। चौटाला को दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 अक्टूबर को समर्पण करने का निर्देश दिया है। हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा का चुनाव 15 अक्टूबर को होना है। मतगणना 19 अक्टूबर को होगी।
चौटाला की जमानत रद्द कराने हाईकोर्ट पहुंची सीबीआई
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को दिल्ली हाईकोर्ट ने खराब सेहत के आधार पर जमानत दी थी, लेकिन चौटाला चुनावी रैलियां कर रहे हैं। उनकी रैलियों पर विपक्षी पार्टियों ने कड़ी आपत्ति जताई है।
आम आदमी पार्टी ने चौटाला की सक्रियता पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस मसले पर चुनाव आयोग, अदालत और सीबीआई खामोश क्यों हैं? अब सीबीआई ने चौटाला की राजनीति सक्रियता को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत रद्द करने की अपील की है। सीबीआई ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि चौटाला की तत्काल जमानत रद्द की जाए।