नई दिल्ली। दिल्ली की विशेष अदालत ने गुरुवार को कथित 2जी घोटाले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा व डीएमके सांसद कनिमोझी सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया। राजा व कनिमोझी को 2008 में दूरसंचार स्पेक्ट्रम व लाइसेंस जारी करने के लिए रिश्वत लेने के आरोपों में जेल जाना पड़ा था।
विशेष न्यायाधीश ओ.पी.सैनी ने कहा कि सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में नामित 33 व्यक्तियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रहे हैं। इस घोटाले की वजह से कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को 2014 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
सीबीआई आरोपियों के खिलाफ किसी तरह के साक्ष्य पेश करने में असफल रहे। इसमें कहा गया कि आरोप पत्र में दर्ज तथ्य गलत हैं जैसे कि वित्त सचिव ने प्रवेश शुल्क में संशोधन की पुरजोर सिफारिश की. राजा द्वारा लेटर ऑफ इंटेट (एलओआई) के मसौदे के खंड को हटाने व ट्राई द्वारा प्रवेश शुल्क की सिफारिश करने की बात जैसे तथ्य गलत हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से बेहिचक कहता हूं कि अभियोजन किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई भी आरोप साबित करने में पूरी तरह से विफल रहा है।
यह तथाकथित घोटाला नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की 2010 की एक रिपोर्ट के बाद सामने आया, जिसमें दावा किया गया था कि दूरसंचार मंत्रालय द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने व कुछ कंपनियों को कम कीमतों पर लाइसेंस देने से राष्ट्रीय खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
टाइम मैगजीन ने इसे अमरीका के ‘वाटरगेट’ घोटाले के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा घोटाला बताया था। भाजपा ने इसे संसद में जोरदार तरीके से उठाया व तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर चुप रहने का आरोप लगाया।
राजा पर कुछ चुने लोगों के नियमों में ढील देने व बदलाव करने और कथित तौर पर कर्ज के रूप में डीएमके की कालिंगर टीवी के लिए 200 करोड़ रुपये की रिश्वत प्राप्त करने का आरोप है।
सीएजी ने अयोग्य आवेदकों को लाइसेंस जारी करने का आरोप लगाया, जिन्होंने जानबूझकर तथ्यों को दबा दिया और अपूर्ण जानकारी दी।
राजा आखिरकार घोटाले का चेहरा बन गए। दूसरे आरोपियों में डीएमके की राज्यसभा सांसद कनिमोझी व डीएमके सुप्रीमो एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल रहीं। फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में राजा ने मुस्कुराते हुए कहा कि वह फैसले से खुश हैं।
सीबीआई ने राजा पर 2जी मोबाइल एयर वेब्स व संचालन के लाइसेंस जारी करने में पक्षपात करने का आरोप लगाया था। इसमें कहा गया कि स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के बदले रिश्वत के तौर पर 200 करोड़ रुपए डीबी ग्रुप के कालिंगर टीवी को स्थानांतरित किए गए थे। लेकिन न्यायाधीश सैनी ने सबूतों की कमी के कारण आरोपों को खारिज कर दिया।
मैं अदालत के फैसले से खुश हूं : ए. राजा
पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले पर खुशी जताते हुए इसका स्वागत किया। ए. राजा ने कहा कि वह अदालत के फैसले से खुश हैं। राजा ने फैसले के बाद संवाददाताओं को बताया कि मैं अदालत के फैसले से खुश हूं।
सीबीआई फैसले के अध्ययन के बाद अगला कदम उठाएगी
सीबीआई ने कहा कि वह 2जी घोटाले पर विशेष अदालत के फैसले का विस्तृत अध्ययन करने के बाद आगे की कार्रवाई पर विचार करेगी। सीबीआई की विशेष अदालत ने कथित तौर पर हजारों करोड़ों रुपए के 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में 18 आरोपियों को बरी कर दिया है।
सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया कि हम विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं। फैसले की प्रति मिलने के बाद हम इस पर कानूनी राय लेंगे और अगली कार्रवाई पर फैसला लेंगे।
डीएमके ने फैसले पर खुशी जताई
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के नेताओं ने गुरुवार को 2जी घोटाले में सभी आरोपियों को बरी किए जाने के दिल्ली की अदालत के फैसले की सराहना की। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा, राज्यसभा सांसद कनिमोझी भी आरोपी थीं।
अदालत के फैसले के बाद पार्टी के कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय के बाहर इकट्ठा हो गए और इस फैसले का जश्न मनाया। विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने सीबीआई और ईडी सहित द्वारा दायर दोनों मामलों में सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान 2008 में दूरसंचार विभाग द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस आवंटन में कथित तौर पर अनिमितता हुई थी, जिसका 2010 में कैग की रिपोर्ट के बाद व्यापक स्तर पर खुलासा हुआ।
डीएमके नेता दुराई मुरुगन और राज्यसभा सांसद पी.शिवा ने फैसले पर खुशी जताई। कांग्रेस नेताओं ने भी इस फैसले पर खुशी जताई।
इस फैसले का स्वागत करते हुए पुडुचेरी के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वी.नारायणसामी ने संवाददाताओं को बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और डीएमके के खिलाफ झूठा अभियान चलाकर राजनीतिक लाभ उठाया है।
तमिलनाडु कांग्रेस नेता एस.तिरुनावुक्कारासर ने टीवी चैनल को बताया कि आखिरकर सच्चाई की जीत हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा झूठे प्रचार के दम पर सत्ता में आई और यह फैसला डीएमके की भावी जीत की दिशा में पहला कदम है।