नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने दिल्ली डायलॉग कमिशन के सदस्य सचिव आशीष जोशी को गुटखा खाने के आरोप में हटा दिया। जोशी को उनके मूल कैडर में भेजने की सिफारिश भी सरकार ने की दी है।
पद से हटाये जाने के बाद जोशी ने कहा कि दिल्ली सरकार को नियम कानून की जानकारी नहीं है। जोशी ने कहा कि मैं तो बस सिगार पीता हूं, उनका क्या जो लोगों का खून पीते हैं।
उन्होंने दिल्ली डायलग के अध्यक्ष आशीष खेतान ने पर दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए हैं।
जोशी को हटाने के बाद सरकार ने कहा कि वह गुटखा चबाते हैं और सिगार पीते थे। दिल्ली सरकार ने अनुरोध किया है कि जोशी को उनके पुराने काडर में वापस भेज दिया जाए। जोशी इंडियन पोस्ट एंड टेलिकॉम अकाउंट्स एंड फाइनैंस सर्विस के अधिकारी हैं और प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली सरकार में कार्यरत थे।
इस संबंध में दिल्ली सरकार दुरसंचार सचिव को पत्र लिखा था। इस पत्र के साथ दिल्ली डायलॉग कमिश्न के उपाध्यक्ष आशीष खेतान का मुख्यमंत्री केजरीवाल को लिखा नोट भी था जिसमें बताया गया था कि जोशी को दफ्तर में कई मौकों पर सिगार पीते या गुटखा चबाते पाया गया। पत्र अप्रैल के आखिर में लिखा गया था।
खेतान ने अपनी शिकायत में लिखा कार्यलय में गुटखे और सिगार से परहेज करने के अनुरोध के बावजूद जोशी ने ऐसा करना जारी रखा। यह मेरे लिए काफी शर्मिंदगी भरा था जब एक अहम बैठक में जोशी सबके सामने बैठकर गुटखा चबा रहे थे।
गुटखा चाबने और सिगार पीने की शिकायत पर जोशी की सफाई देते हुए कहा कि वह कार्यलय के अन्दर ऐसा कभी नहीं करते। उन्होंने कहा कि मैं कभी-कभार पान-पराग चबाता हूं और सस्ते सिगार भी पी लेता हूं, लेकिन ऑफिस के भीतर कभी नहीं। उन्होंने कहा कि मुझे तरस आता है कि एक महीने की सिर खपाई के बाद भी वे मेरे ऊपर सिर्फ गुटखा चबाने का इल्जाम लगा पाए।
जोशी ने अपने ऊपर लगे आरोपों के जवाब में कहा कि मैं तो बस सिगार पीता हूं, उनका क्या जो लोगों का खून पीते हैं। आशीष खेतान ने जोशी पर दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए हैं।