आइजोल/कोहिमा/अगरतला | भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में सोमवार को क्रिसमस बड़े धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने परंपरागत रूप से धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ स्वादिष्ट भोजन का लुत्फ उठाया और भारी संख्या में गिरजाघर पहुंचकर विशेष प्रार्थनाएं की और ईसा मसीह की स्तुति की। क्रिसमस के मौके पर लोगों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं और उपहार भेंट किए। मिजोरम, नागालैंड, मेघालय और मणिपुर में 53 लाख से अधिक ईसाई लोग रहते हैं जबकि पूर्वोत्तर के अन्य राज्य त्रिपुरा, असम और अरुणाचल प्रदेश में भी बड़ी संख्या में हैं। सभी सात राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों के लोगों को क्रिसमस के मौके पर अपनी शुभकामनाएं दी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को क्रिसमस के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने की एडवाइजरी जारी की गई थी। दरअसल यह एडवाइजरी कुछ आसमाजिक तत्वों द्वारा हाल ही में ईसाई समुदाय के सदस्यों को त्योहार का जश्न मनाने के खिलाफ धमकी देने के बाद जारी की गई।
यह समारोह रविवार रात से गिरजाघरों की सेवाओं और फैलोशिप के साथ शुरू हुआ, जहां मंडलियों ने क्रिसमस के गीत गाए। क्रिसमस के गीत पश्चिमी और स्थानीय आध्यात्मिक और संगीतकारों द्वारा लिखे गए गाने हैं। मिजोरम की राजधानी आइजोल में एक पुलिस अधिकारी ने कहा, क्रिसमस रविवार रात से शुरू हुआ और पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा।
उन्होंने कहा, आइजोल और राज्य के अन्य हिस्सों में क्रिसमस पार्टी को शांतिपूर्वक और परंपरा के अनुसार बनाए रखने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई।
पहाड़ी राज्य में शहरी क्षेत्रों के अधिकांश गांवों और क्षेत्रों में प्रार्थनाओं और क्रिसमस व सामुदायिक उत्सव सोमवार और मंगलवार को आयोजित किए जाएंगे। ईसाई-प्रभुत्व वाले राज्य नागालैंड में उत्सव की भावना मैदानों, पहाड़ियों और घाटियों के लोगों में जबरदस्त रही क्योंकि क्रिसमस का जश्न यहां गिरजाघरों की घंटी के साथ मध्यरात्रि से ही शुरू हो गया था। राज्य के कोहिमा, दिमापुर, मोकोकचुंग और अन्य शहरों व गांवों में गिरजाघरों, निजी और सरकारी भवनों, स्कूलों और घरों को सजाया गया था।
मेघालय में गिरजाघरों को सजाने के अलावा, घंटियों और रोशनी के साथ क्रिसमस ट्री घरों और सड़कों पर लगाए गए। क्रिसमस के जश्न के हिस्से के रूप में सड़कों को रोशनी से सजा दिया गया। पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम, नागालैंड और मेघालय में गिरजाघर समाज के जीवन और संस्कृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। त्रिपुरा के अगरताला में होली क्रॉस कॉलेज के पादरी पॉल पुदुसीरे ने कहा कि वे रविवार रात से ही क्रिसमस का जश्न मना रहे हैं।
मणिपुर में ईसाई समुदाय क्रिसमस को पिछले साल के विपरीत आनंद और धार्मिक उत्साह के साथ मना रहा है। उल्लेखनीय है संयुक्त नागा काउंसिल द्वारा नए जिलों के निर्माण और पुलिस की कार्रवाई के दौरान नौ लोगों की मौत और सड़क पर नाकाबंदी के कारण, पिछले साल वे त्योहार नहीं मना सके थे। कार्यकर्ता अगस्त, 2015 में मणिपुर विधानसभा द्वारा तीन विधेयक पारित करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे जिसपर पुलिस ने यह हिंसक कार्रवाई की थी। इस बीच त्रिपुरा, मिजोरम को बिजली आपूर्ति कर रहा है ताकि राज्य क्रिसमस के दौरान अपनी अतिरिक्त आवश्यकता को पूरा कर सके।
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