वेटिकन सिटी। सर्वोच्च कैथलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने अपने कार्यकाल का पांचवां क्रिसमस मध्यरात्रि का जश्न मनाया जहां उन्होंने ईसा मसीह के अभिभावकों जोसेफ और मैरी की बाइबिल में लिखी कहानी पर प्रकाश डालते हुए दूसरी जगहों से आने वाले लोगों का स्वागत करने के महत्व को रेखांकित किया।
पोप ने रविवार रात अपने संदेश में कहा कि जीसस क्राइस्ट के अभिभावकों को बेथलहम में कोई स्थान नहीं मिला था। एक बेहद गरीब ने उन्हें पनाह दी थी। उन्होंने कहा कि ईसाई धर्म इस बात की अपेक्षा करता है कि विदेशियों का स्वागत किया जाना चाहिए।
भारी सुरक्षा के बीच आयोजित मास में कैथलिक श्रद्धालुओं ने यीशु के जन्म को याद किया। इस वर्ष कार्यक्रम को मध्यरात्रि पर नहीं बल्कि रात 9.30 बजे ही शुरू कर दिया गया। पोप ने सेंट पीटर्स बेसिलिका (गिरिजाघर) के अंदर लगभग 10,000 लोगों के बीच अपना संदेश दिया जबकि हजारों लोगों ने बेसिलिका के बाहर प्रार्थनाएं कीं।
हाल के दिनों में अपने-अपने देशों से उजड़ने वाले शरणार्थियों की मदद के लिए पोप फ्रांसिस मजबूती से आवाज उठाते रहे हैं और अपने संदेश में उन्होंने फिर से इसकी जरूरत को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि हमारी नागरिकता का दस्तावेज ईश्वर की तरफ से आता है, इसलिए आव्रजकों का सम्मान इसाईयत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि इनसानों की तस्करी करने वाले ऐसे जालिम हैं जिनके हाथ इनसानों के खून से रंगे हुए हैं। पोप फ्रांसिस सोमवार को सेंट पीटर्स बेसिलिका से देश व दुनिया को अपनी पारंपरिक क्रिसमस डे ब्लेसिंग्स देंगे।