शिमला। जयराम ठाकुर ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा उनके साथ 11 मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिसमें से आधे पहली बार मंत्री बने हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित पार्टी के अन्य नेता शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने ठाकुर को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जयराम ठाकुर छह जनवरी को 53 वर्ष के हो रहे हैं। वह पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं।
शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर हुए इस समारोह में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ही केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा और नितिन गडकरी भी मौजूद थे। समारोह में राज्य के 30,000 से ज्यादा पार्टी समर्थक भी मौजूद थे, जिन्होंने पारंपरिक पोशाक पहन रखे थे।
भाजपा के वयोवृद्ध नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी समारोह में मौजूद थे। पांच बार के विधायक जयराम ठाकुर को जमीनी नेता के तौर पर पहचाना जाता है और उन्होंने हिंदी में शपथ ली। वह वर्ष 2007-12 के दौरान प्रेम कुमार धूमल मंत्रिमंडल में ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री थे।
ठाकुर की 80 वर्षीय विधवा मां समेत परिवार के अन्य सदस्य भी समारोह में मौजूद थे। उनकी माता मंडी जिले के एक दूरस्थ गांव में रहती हैं। ठाकुर की पत्नी ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले कहा कि यह एक आम आदमी की जीत है। उनकी पत्नी पेशे से डॉक्टर हैं।
12 सदस्यीय मंत्रिमंडल में छह पूर्व मंत्री और छह नए चेहरों को शामिल किया गया है। मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री को जोड़कर छह राजपूत और तीन ब्राह्मण हैं।
शपथ लेने वाले अन्य मंत्रियों में पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहिंदर सिंह, किशन कपूर, सरवीन चौधरी एवं अनिल शर्मा, पूर्व राज्य मंत्री राम लाल मार्कंडे और नए चेहरे सुरेश भारद्वाज, विपिन सिंह परमार, वीरेंद्र कंवर, विक्रम ठाकुर, गोविंद ठाकुर और राजीव सहगल जैसे नए चेहरे भी शामिल हैं। कैबिनेट में सरवीन चौधरी अकेली महिला हैं और वह अन्य पिछड़ा वर्ग से आती हैं।
भारद्वाज और गोविंद ठाकुर को छोड़कर सभी मंत्रियों ने हिंदी में शपथ ली। भारद्वाज और ठाकुर ने संस्कृत में शपथ ली।
पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम के बेटे अनिल शर्मा ने नवंबर में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। शर्मा को वर्ष 2013 में वीरभद्र सिह मंत्रिमंडल में ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पशुपालन विभाग का मंत्री बनाया गया था। बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की मुंहबोली बहन अर्पिता की शादी शर्मा के बेटे आयुष से हुई है।
वरिष्ठ विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजीव बिदल, नरेंद्र बरागटा और रमेश धवाला कैबिनेट में जगह नहीं पा सके। बिंदल को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया है। भाजपा ने पिछले हफ्ते राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा में 44 सीटें जीती थी।
ठाकुर राज्य में मंडी से पहले मुख्यमंत्री हैं। यह कांगड़ा के बाद हिमाचल का दूसरा सबसे बड़ा जिला है। इस विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने मंडी की 10 में से नौ सीटों पर कब्जा किया। इससे पहले हिमाचल के मुख्यमंत्री शिमला, कांगड़ा और सिरमौर जिले के थे।
नड्डा के करीबी माने जाने वाले ठाकुर ने अपनी स्नातक की पढ़ाई मंडी कॉलेज और परास्नातक स्तर की पढ़ाई पंजाब विश्वविद्यालय से की। भाजपा ने चुनाव से पहले प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की थी, लेकिन उनके चुनाव हारने के बाद भाजपा को मुख्यमंत्री पद के लिए नाम की घोषणा करने में लगभग एक सप्ताह का समय लग गया। इस दौरान नड्डा, सुरेश भारद्वाज, धूमल व ठाकुर समेत कई लोगों के नाम सामने आए।
ठाकुर के नाम पर मुहर 24 दिसंबर को भाजपा विधायक दल की बैठक में लगी, जहां रक्षा मंत्री निर्मला सीमारमण और नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर मौजूद थे। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके मंत्रिमंडल के साथी समारोह में अनुपस्थित रहे।
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