बेलूर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बेलूरमठ स्थित रामकृष्ण मठ और मिशन का दौरा रविवार को काफी भावुक क्षण लेकर आया। इसी मठ ने पूर्व में तीन बार नरेन्द्र मोदी की तपस्वी बनने की अपील को नामंजूर कर दिया था।
प्रधानमंत्री मठ में 19वीं सदी के दार्शनिक. संत स्वामी विवेकानंद के कक्ष में उनकी पादुकाओं के करीब 15 मिनट तक रहे और ध्यान लगाया। इस कक्ष में स्वामी विवेकानंद से संबंधित सामान रखा है।
मोदी ने मठ के संतों के साथ फोटो खिंचवाएं जहां पृष्ठभूमि में शांति मंत्रों का उच्चारण हो रहा था। मठ में करीब एक घंटे तक रहने के बाद वहां से रवाना होने से पूर्व मोदी ने ब्रह्मानंद, मां शारदा और स्वामी विवेकानंद के मंदिर में प्रार्थना की।
मठ प्रशासन ने उन्हें ‘धोती’ तथा शॉल भेंट किया और बंगाली मिठाई पायस से बना प्रसाद एवं फल दिए। मठ के संतों ने प्रधानमंत्री को बेलूरमठ से जुड़े स्मृतिचिन्ह, बाइबिल जैसी किताब, श्रीरामकृष्ण तथा स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं की पुस्तकें भेंट कीं।
उन्होंने मठ परिसर में आमंत्रित करने के लिए मठ प्रशासन का आभार व्यक्त किया। एक युवक के तौर पर मोदी स्वामी विवेकानंद के विचारों से काफी प्रभावित थे और उन्होंने तपस्वी बनने का फैसला कर लिया था।
इसी दौरान वह पहली बार बेलूरमठ गए थे। मठ के सहायक सचिव स्वामी सुबीरनंद ने बताया कि हमारे तत्कालीन अध्यक्ष ने उन्हें शिक्षा पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। वह तपस्वी बनने के लिए जरूरी न्यूनतम उम्र से नीचे थे। बाद में मोदी अल्मोड़ा में आरकेएम सेंटर गए और वहां भी उनकी अपील को नामंजूर कर दिया गया।
सुबीरनंद ने बताया, इसके बाद मोदी दो साल के लिए हिमालय चले गए और उसके बाद अपने गांव लौटे और हमारे राजकोट स्थित सेंटर में आना शुरू कर दिया जहां उन्हें स्वामी आत्मास्थानंद का पवि़त्र साथ मिला जो इस समय आरकेएम के अध्यक्ष हैं।
मोदी उनसे आध्यात्मिक निर्देश लेते रहते हैं। मोदी द्वारा फिर से तपस्वी बनने की इच्छा जताए जाने के बाद स्वामी ने उन्हें हतोत्साहित किया और बताया कि वक्त ने उनके लिए कुछ और तय कर रखा है।
सहायक सचिव सुबीरनंद ने याद करते हुए बताया, जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए वर्ष 2013 में बेलूरमठ आए तो उन्होंने स्वामी से कहा, आपने मुझे भगा दिया था उस समय, इसलिए आज मैं मुख्यमंत्री हूं।
बीती शाम मोदी स्वामी आत्मास्थानंद से मिलने गए थे जो आरकेएम के अध्यक्ष हैं। वह कोलकाता के एक अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। जब दोनों राजकोट में थे तो मोदी आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए अक्सर उनके पास जाते थे।