इलाहाबाद। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने शुक्रवार को बैठक कर फर्जी साधुओं की दूसरी लिस्ट जारी कर दी। दूसरी लिस्ट में तीन बाबाओं को फर्जी घोषित किया गया है, जिसमें स्वामी सचिदानंद सरस्वती, वीरेंद्र देव दीक्षित और साध्वी त्रिकाल भवंता का नाम है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इन बाबाओं का सामाजिक बहिष्कार करने की अपील की है।
शुक्रवार को हुई बैठक में 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल हुए और तीन बाबा को सर्वसम्मति से फर्जी घोषित किया गया। बैठक में इसके साथ ही सात प्रस्ताव पारित किए गए। फर्जी बाबा की सूची में पहले नम्बर पर बस्ती के स्वामी सचिदानंद सरस्वती को रखा गया। दूसरे नम्बर पर दिल्ली के वीरेंद्र देव दीक्षित का नाम है, जिन पर अध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर महिलाओं के यौनशोषण का आरोप लगा है।
तीसरे नंबर पर परी अखाड़े इलाहाबाद की त्रिकाल भवंता है, जो खुद को पीठाधीश्वर बताती हैं। उज्जैन के सिंहस्थ कुंभ में पीठाधीश्वर के रूप में सुविधाओं के लिए उन्होंने हंगामा मचाया था।
अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि ने कहा कि मीडिया को भी ऐसे बाबाओं का बहिष्कार करना चाहिए, जो समाज को गलत दिशा देकर अपना लाभ उठा रहे हैं। बैठक में कुंभ मेले से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करते हुए राज्य सरकार से पर्याप्त सम्मान व सुविधाओं की मांग की गई। वहीं ज्योतिषपीठ के पीठाधीश्वर विवाद से भी परिषद ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया है कि मामला न्यायालय में है।
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि परिषद की ओर से जारी नई सूची को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा ताकि उन पर कार्रवाई करते हुए उन्हें समाज से बहिष्कृत किया जा सके। ऐसे लोगों को परिषद आगे भी चिन्हित करता रहेगा।