काहिरा। मिस्र की एक अदालत ने अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को न्यायपालिका की अवमानना के लिए शनिवार को तीन साल कारावास की सजा सुनाई। मुर्सी के संगठन, मुस्लिम ब्रदरहुड के 18 सदस्यों को भी इसी आरोप में समान सजा सुनाई गई।
मुजरिमों को अदालत की अवमानना करने के आरोप में दोषी ठहराया गया। उनके ऊपर न्यायाधीशों को नाराज करने व उनके खिलाफ द्वेषपूर्ण भावना फैलाने के आरापे लगाए गए थे।
मुर्सी इस समय 20 साल कारावास की सजा भुगत रहे हैं। यह सजा उनको 2012 में उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच रंक्तरंजित संघर्ष को भड़काने का दोषी ठहराते हुए दी गई है। इसके अलावा उनको गोपनीय दस्तावेज कतर को लीक करने के आरोप में 25 साल कारावास की सजा दी गई है।
उनके समर्थक नेताओं में भी अधिकांश इस समय हिरासत में हैं और कई लोगों को हिंसा भड़काने, हत्या, जासूसी और जेल से भागने के आरोपों में मृत्युदंड और लंबी अवधि के कारावास की सजा दी जा चुकी है।