चेन्नई। आय से अधिक सम्पत्ति मामले में जयललिता को कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा बरी कर दिए जाने के बाद उनके फिर से मुख्यमंत्री बनने का रास्ता खुल गया है। सूत्र बताते हैं कि वे 14 मई को विधिवत रूप से फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं।
कोर्ट का फैसला जयललिता के पक्ष में आने के बाद तमिलनाडु में खुशी का माहौल है। सोमवार को हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। कर्नाटक उच्च न्यायालय के इस फैसले से आय से अधिक सम्पत्ति मामले में जयललिता की 18 वर्ष से जारी कानूनी लड़ाई खत्म हो गई है। बरी होने के साथ ही उनके फिर मुख्यमंत्री पद संभालने की राह आसान हो गई है।
इस समय राज्य के मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम हैं। इन्हें जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और चार साल कैद की सजा सुनाए जाने के बाद राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था।
उल्लेखनीय है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता को कर्नाटक हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया है। फैसला आते ही जयललिता के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और वे जश्न मनाने लगे।
फैसले के बाद तमिलनाडु की कैबिनेट में भी खुशी की लहर दौड़ गई और वहां जश्न का माहैल बन गया। विशेष कोर्ट ने उन्हें और 3 अन्य को इसी मामले में दोषी करार देते हुए 4 साल की सजा सुनाई थी, जिस फैसले को हाईकोर्ट ने पलटते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
फैसले के बाद जयललिता के वकील बी. कुमार ने जानकारी दी कि पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला साबित नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अब जयललिता के फिर से मुख्यमंत्री बनने में कोई अड़ंगा नहीं है।
पार्टी सांसदों में खुशी का माहौल
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को बरी किए जाने पर पार्टी सांसदों में खुशी का माहौल है। पार्टी सांसद सोमवार को संसद भवन के बाहर एकत्र हुए। उन्होंने जयललिता के समर्थन में नारे लगाए और मिठाइयां बांटी। पार्टी सांसद विजिला सत्यानन्द ने कहा कि न्यायालय का यह निर्णय उनके विरोधियों को एक करारा जवाब है। फैसला आने के बाद तमिलनाडु में भी जश्न का माहौल है।
फैसले की खबर आते ही चेन्नई में जयललिता के निवास पर हजारों पार्टी कार्यकर्ता एकत्र हो गए। उन्होंने ढोल नगाड़े बजाकर इस खबर का स्वागत किया, आतिशबाजी की और मिठाइयां बांटी। मुख्यमंत्री ओ0 पन्नीरसेलवम भी अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ इसमें शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने जयललिता से मुलाकात की और आगे की कार्ययोजना पर विचार विमर्श किया।