नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र बुधवार को समाप्त हो गया। तीन महीने तक चले सत्र के दौरान भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित कई मुद्दों पर टकाराव के बीच कुल 24 विधेयक पारित किए गए, वहीं भूमि विधेयक को अंतत: समीक्षा के लिए संयुक्त समिति को भेज दिया गया।
विपक्ष व सत्ता पक्ष के बीच तकरार के बीच भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौता से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक पारित हो गया।
सदन का यह सत्र बेहद उत्पादक रहा। इस दौरान कोयला खान विधेयक, बीमा कानून संशोधन विधेयक, खान व खनिज संशोधन विधेयक व काला धन विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया, वहीं वस्तु एवं सेवा कर विधेयक को राज्यसभा की प्रवर समिति को भेज दिया गया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बजट सत्र के पहले चरण में भले ही अनुपस्थित रहे, लेकिन दूसरे चरण में उन्होंने बेहद आक्रामक ढंग से वापसी की। इस दौरान उन्होंने भूमि अधिग्रहण विधेयक, इंटरनेट निरपेक्षता, अमेठी में फूड पार्क तथा किसानों से संबंधित मुद्दों को लेकर सरकार का जमकर घेराव किया।
भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार ने भूमि विधेयक तथा वस्तु एवं सेवा कर विधेयक को भले ही लोकसभा में पारित करवा लिया, लेकिन राज्यसभा में बहुमत के अभाव में वह ऐसा नहीं कर पाई।
यह सत्र दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की शर्मनाक हार के बाद शुरू हुआ था, जिसे लेकर विपक्ष ने कई बार सरकार को आड़े हाथों लिया। कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने सरकार को कई विधेयकों को स्थायी समिति के पास समीक्षा के लिए भेजने की मांग की और कई बार वे ऐसा कराने में सफल रहे।
इस दौरान, विपक्ष ने कश्मीरी अलगाववादी मसरत आलम की रिहाई तथा अंडरवर्ल्ड माफिया दाऊद इब्राहिम के ठिकाने के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लिया। कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों ने पूर्ति समूह से संबंधित नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रपट के आधार पर नितिन गडकरी से इस्तीफे की भी मांग की। गडकरी पूर्ति समूह में एक प्रमोटर थे।
23 फरवरी को शुरू हुए बजट सत्र के पहले चरण के बाद भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को फिर से जारी करने के लिए राज्यसभा का सत्रावसान किया गया। 23 अप्रैल को राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई। काला धन तथा व्हिसलब्लोअर संरक्षण (संशोधन) विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने के लिए लोकसभा के सत्र को तीन दिन आगे बढ़ाया गया।
संसद की कार्यवाही पर नजर रखने वाली अनुसंधान एजेंसी ‘पीआरएस लेजिस्लेटिव’ के आउटरीच हेड अहक्षु राय ने कहा, ”सत्र के समापन के साथ लोकसभा की उत्पादकता इतिहास में सर्वाधिक 123 फीसदी रही।
संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने सत्र की उच्च उत्पादकता पर संतुष्टि जताई, लेकिन उन्होंने लोकसभा के निर्धारित 35 में से 32 कार्य दिवस के दौरान विपक्ष पर कार्यवाही में बाधा उत्पन्न करने का आरोप भी लगाया।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने 32 दिनों में से 20 दिन प्रश्नकाल को निलंबित करने के लिए नोटिस दिया। राज्य सभा में विपक्ष ने 32 में से 15 दिन कार्यवाही स्थगित करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि ऐसी मांगें गंभीरता तथा नियमों के सम्मान में कमी को दर्शाती हैं, जिसके कारण संसद के बहुमूल्य समय का नुकसान होता है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस परंपरा में परिवर्तन होगा। बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों में कुल 24 विधेयक पारित हुए, जो पिछले पांच वर्षों के दौरान सर्वाधिक है।