नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को तगड़ा झटका देते हुए मीडिया पर लगाम लगाने से संबंधित उसके सर्कुलर पर गुरुवार को रोक लगा दी।
दिल्ली सरकार द्वारा गत 6 मई को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि यदि मीडिया संस्थान कोई ऐसी खबर दिखाते या प्रकाशित करते हैं, जिससे मुख्यमंत्री या सरकार की छवि खराब होती है या फिर किसी तरह का नुकसान पहुंचता है तो वे प्रधान सचिव (गृह) के पास इसकी शिकायत दर्ज कराएं, जिससे दोषियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा चलाया जा सकेगा।
न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायाधीश पी सी पंत की खंडपीठ ने वकील अमित सिब्बल की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि केजरीवाल ने खुद भी उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमों को इस आधार पर चुनौती दी है कि यह उनके बोलने की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
न्यायालय ने कहा कि आप दोनों काम एक साथ नहीं कर सकते। एक तरफ आप मानहानि के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाएं और दूसरी तरफ खुद ही मीडिया के खिलाफ कार्रवाई भी करें।
खंडपीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करके छह सप्ताह के भीतर जवाब देने को भी कहा है। मामले की सुनवाई की अगली तारीख आठ जुलाई मुकर्रर की गई है।
माना जा रहा है कि केजरीवाल के उस बयान के बाद यह सर्कुलर जारी किया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मीडिया का एक तबका उनकी सरकार को बदनाम करने की नीयत से काम कर रहा है।
इसी के कारण दिल्ली के सूचना एवं प्रसारण निदेशालय (डीआईपी) में एक मॉनिटरिंग सेल भी बनाया गया है, जो लगातार सरकार के बारे में चलाई जा रही $खबरों की निगरानी करेगा और उसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को देगा।