न्यूयार्क। फलों से रस लेने वाली मक्खियों या फिर इन पर भिनभिनाती मक्खियों को आपने देखा ही होगा। क्या कभी आपने देखा कि ये भी अपनी भावनाओं का इजहार करती हैं।
छत्तीसगढ़ : अंबेडकर अस्पताल में जन्मा विचित्र शिशु!
हो सकता है आपने न देखा हो, लेकिन कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (कॉल्टेक) के एक अध्ययन से पता चला है कि किसी तरह के उत्प्रेरक का सामना होने पर ये मक्खियां भी हमारी ही तरह अपनी भावनाएं जाहिर करती हैं।
शोधकर्ताओं ने इस विषय के अध्ययन के लिए भावना को इसके मूलभूत अंगों में विभाजित किया और सबसे पुराने कहे जाने वाले मनोभाव का अध्ययन किया।
VIDEO: भाभी जी का हॉट डांस हुआ LEAKED
इस शोध का नेतृत्व करने वाले डेविड एंडरसन कहते हैं कि लंबे समय से इस पर वाद विवाद होता रहा है कि आखिर ‘मनोभाव या भावनाओं’ का अर्थ क्या है और, यही समझ में आया है कि इसकी कोई सर्वमान्य परिभाषा नहीं है।
अनोखा तकिया! कीमत सुनकर आप हो जाएंगे हैरान
एंडरसन ने कहा कि हम यह सोच रखते हैं कि भावनाएं एक प्रकार की दिमाग की अंदरूनी अवस्था है। इसके अपने कुछ सामान्य गुण होते हैं जो मनोगत सोच, चेतना के अहसास से स्वतंत्र होते हैं और जिनका अध्ययन केवल इंसानों में हो सकता है।
अध्ययन से जुड़े विलियम टी गिब्सन ने बताया कि भावनाओं को बिल्कुल शुरुआती स्तर की, पुरातन भावना के स्तर तक, जैसे कि कम महत्व के रंग तक विभाजित किया जा सकता है। मिसाल के लिए नारंगी रंग, जिसे दो प्राथमिक रंगों- पीले और लाल में अलग-अलग बांटा जा सकता है।
मक्खियों में सहज ही पनपने वाले मनोभाव को समझने के लिए इंसान के लिए भय की वजह बनने वाली एक बात की मदद ली जा सकती है और वह है : बंदूक की गोली की आवाज।
सूखा पेड़ जो 3 सालों से गिरा हुआ पड़ा था, अचानक…
अगर आप बंदूक की गोली की आवाज सुनते हैं तो आप में एक नकारात्मक अहसास पैदा हो सकता है। यह अहसास, एक पुरातन भावना जो रासायनिक अभिक्रिया का नतीजा है, शायद आपको इस बात के लिए मजबूर कर दे कि आप इस घटना के कई मिनट बाद भी अलग तरह का व्यवहार करें। यह एक पुराना मनोभाव है जिसे जड़ता कहते हैं।
VIDEO: सुहागरात के दिन लड़की को पता चला जिससे शादी की वो निकला किन्नर
इसी उत्प्रेरक से कई बार सामना हो तो इसकी वजह से और अधिक संवेदनशील प्रतिक्रिया सामने आती है। मिसाल के तौर पर आपको बंदूक की गोली की दस आवाजें एक गोली की आवाज के मुकाबले ज्यादा डराती हैं।
गिब्सन कहते हैं कि डर के सहज मनोभाव का अलग-अलग संदर्भों में अलग सामान्यीकरण होता है। जैसे कि आप भोजन कर रहे हैं और इसी दौरान गोली की आवाज सुनते हैं तो डर आप पर हावी हो जाएगा, आपका ध्यान भोजन से हट जाएगा।
इस शख्स के अनोखे दातों का हुनर देख आप भी रह…
शोधार्थियों ने अपने अध्ययन में इसी तरह के डर पैदा करने वाले कारकों की मदद ली और जाना कि कीट-पतंगों के सहज मनोभाव पर इनका क्या असर पड़ता है। शोधार्थियों ने मक्खियों की प्रतिक्रिया का विश्लेषण किया और पाया कि इन सभी ने इंसानों जैसे ही सहज मनोभाव प्रदर्शित किए।
VIDEO: देखे इस गाने पर मचा दी कुत्ते ने धूम करा धमाकेदार डांस …
एंडरसन ने कहा कि अध्ययन से साफ समझ में आया कि खतरे के प्रति मक्खियों का व्यवहार किसी रोबोट के खुद को बचाने जैसी मशीनी हरकत से कहीं अधिक समर्थ और जटिल होता है। यह अध्य्यन 14 मई को करंट बॉयलॉजी जर्नल के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित हुआ है।
आपको यह खबर अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और FACEBOOK पर PAGE LIKE कीजिए, और खबरों के लिए पढते रहे Sabguru News और ख़ास VIDEO के लिए HOT NEWS UPDATE