नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग के साथ चल रही क्षेत्राधिकार की लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शामिल कर लिया है।
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिख कर केंद्र सरकार पर दिल्ली में उपराज्यपाल के द्वारा शासन करने का आरोप लगाया। अपने 2 पृष्ठ के पत्र में केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल के माध्यम से केन्द्र दिल्ली में असवेंधानिक तरीके से शासन चलाने की कोशिश कर रही है।
पत्र में केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा की गई नियुक्तियों और स्थानांतरणों का जिक्र किया और कहा कि निर्वाचित सरकार के पास वरिष्ठ अधिकारियों को काम वितरित करने के बारे में अपनी बात रखने का अधिकार होना चाहिए।
उन्होंने उपराज्यपाल पर सराकार के काम-काज में दखल देने का आरोप लगाते हुए उन्हे दिल्ला में केंद्र सरकार का एक एजेट बताया। केजरीवाल ने मोदी से आग्रह किया कि वह इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करें। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाना चाहिए।
इससे पहले उपराज्यपाल ने एक लिखित आदेश में केजरीवाल सरकार द्वारा पिछले एक सप्ताह के भीतर किए गए अधिकारियों के तबादलों को रद्द कर दिया है। साथ ही उन्होंने नई नियुक्तियों को भी रद्द कर दिया है। जंग ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे पहले की तरह ही कोई भी फाइल सरकार के पास ले जाने से पहले उसे उनके पास लाएं।
दिल्ली सरकार के निर्देश पर काम करने के तरीको को लेकर आज सुबह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सभी विभाक के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी। बताया जा रहा है कि बैठक से ठीक पहले अधिकारी अनिंदो मजूमदार छुट्टी पर चले गए है परन्तु सरकार की तरफ से इसका अभी तक कोई स्पषटीकरण नही आया है।
वहीं दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने दिल्ली के सरकार के अफसरों की सामूहिक अवकाश पर जाने की चल रही अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं हैं और न ही किसी अफसर ने उनसे छुट्टी के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि कार्यवाहक मुख्य सचिव शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति पर जंग और केजरीवाल के बीच खींचतान शुरु हुई थी। उसके बाद केजरीवाल और जंग अलग-अलग राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले थे।