न्यूयार्क। धार्मिक वैमनस्य के चलते भारतीय सुनंदो सेन पर हमला कर उसे एक सबवे ट्रेन के सामने धक्का देकर मारने वाली अमरीकी महिला को 24 वर्ष जेल की सजा सुनाई गई है।
उल्लेखनीय है कि मार्च में क्वींस सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ग्रेगरी लैसक के सामने एरिका मेनेंडेज ने 27 दिसंबर 2012 की रात स्टेशन में प्रवेश कर रही सबवे ट्रेन के सामने सुनंदो सेन को धक्का देकर मारने का गुनाह कबूल लिया था। मेनेंडेज ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि उसने सेन को ट्रेन के सामने क्यों धकेला, इस बारे में उसे कुछ याद नहीं।
अमेरिकी मीडिया की ताजा रपट के अनुसार, सजा सुनाए जाने से पहले लैसक ने सेन की मौत को लेकर मेनेंडेज पर नाराजगी जाहिर की थी। न्यायाधीश ने कहा कि चाहे जो भी कारण हो, जब आपने गिरफ्तार होने के बाद पुलिस के सामने अपना बयान दिया तब आपने कहा था कि मैं मुस्लिमों और हिंदुओं से घृणा करती हूं।
क्या आपको यह याद है? इसके जवाब में मेनेंडेज ने कहा कि उसे कुछ याद नहीं। न्यायाधीश ने कहा कि मेनेंडेज के कृत्य ने समूचे शहर को आतंकित कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि खासकर यह एक क्रूर हत्या थी। मैं केवल उनकी आखिरी सोच की कल्पना कर सकता हूं। यह मौत का बहुत ही भयावह तरीका है।
लैसक ने कहा कि काम पर या स्कूल या अन्य जगहों पर जाने के लिए लाखों लोग न्यूयार्क सिटी में ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं और वे सुरक्षित महसूस करना चाहते हैं। इस घटना ने सभी यात्रियों को भयभीत कर दिया।
सेन भारत से आए प्रवासी थे और वह क्वीन्स में काफी समय से रह रहे थे। उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के पास अपना खुद का प्रिंटिंग और कॉपिंग का कारोबार शुरू किया था। एक छोटे अपार्टमेंट में उनके साथ रह रहे साथियों ने बताया कि वह अविवाहित थे और उनके माता पिता का देहांत हो चुका था।
क्वीन्स डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रिचर्ड ब्राउन ने कहा कि सेन को पीछे से धक्का दिया गया था और उनके पास अपने बचाव का कोई मौका नहीं था। आपराधिक शिकायत के अनुसार, 27 दिसंबर को रात करीब आठ बजे मेनेंडेज को खुद से बातें करते हुए और सबवे प्लेटफॉर्म पर आगे पीछे होते देखा गया था।
सेन प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे तभी मेनेंडेज ने उन्हें पीछे से पकड़ा और स्टेशन पर आती हुई ट्रेन के सामने धक्का दे दिया, जिसके कारण उनकी मौत हो गई।
मेनेंडेज ने बाद में अधिकारियों को बताया कि हिंदुओं और मुस्लिमों के लिए घृणा होने के कारण ही उसने सेन को सबवे प्लेटफॉर्म पर धक्का दिया था। हमले के बाद मेनेंडेज ने जेल के अंदर दिए साक्षात्कार में कहा था कि 9/11 के हमले के बाद वह मुस्लिमों और हिंदुओं को चोट पहुंचाना चाहती थी।