नई दिल्ली। देश के अति सुरक्षित माने जाने वाले इंडिया गेट से तीन साल की बच्ची जाह्नवी के कथित अपहरण के बाद दिल्ली पुलिस हरकत में आ गई है। पुलिस ने इस अति विशिष्ट क्षेत्र के चप्पे चप्पे पर निगरानी के लिए यहां 190 नए क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) लगाने का खाका तैयार किया है। तीन साल की जाह्नवी का 28 सितम्बर की शाम को उस समय कथितरूप से अपहरण कर लिया गया था, जब वह अपने अभिभावकों के साथ इंडिया गेट घूमने आई थी।…
जाह्नवी पांच अक्टूबर की शाम को जनकपुरी क्षेत्र में पाई गई। दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार इंडिया गेट के आसपास अभी केवल 40 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इस इलाके में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 190 नए कैमरे लगाकर कुल संख्या 230 की जाएगी। जाह्नवी के मिल जाने का श्रेय मुख्य रूप से सोशल मीडिया की सक्रियता को दिया जा रहा है।
जाह्नवी के अभिभावकों ने अपनी बेटी के खो जाने के बाद पुलिस में शिकायत करने के साथ-साथ सोशल मीडिया में टि्वटर, फेसबुक और वाट्सऎप का सहारा लिया। जाह्नवी की फोटो को प्रदर्शित करने के साथ-साथ अपने रिश्तेदारों के टेलीफोन नंबर भी दिए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सोमवार को नई दिल्ली जिला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक में इंडिया गेट के चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए कितने कैमरों की जरूरत है, इसका आकलन किया जाए और इसके आधार पर कहां कहां कैमरे लगाए जाने हैं, उनको चिन्हित किया गया है।
जाह्नवी का सुराग देने के लिए पुलिस ने पचास हजार रूपए का ईनाम भी घोषित किया था। सोशल मीडिया की सक्रियता की वजह से जाह्नवी को उठाकर ले जाने वालों पर खासा दबाव बना। उन्होंने जाह्नवी की पहचान छिपाने के लिए उसका मुंडन भी करा दिया था, लेकिन चारों तरफ इसकी चर्चा की वजह से उन पर दबाव बढ़ा और वह उसे सड़क पर गले में तख्ती पर एक रिश्तेदार का नंबर लिखकर छोड़ गए।
पुलिस बाद में जाह्नवी को मायापुरी पुलिस थाने ले गई और उसके परिवार के सदस्यों ने वहां आकर उसकी पहचान की और उसे अभिभावकों को सौंप दिया गया।