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सरकार ने गुर्जरों को फिर भेजा न्यौता, मसौदा किया तैयार - Sabguru News
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सरकार ने गुर्जरों को फिर भेजा न्यौता, मसौदा किया तैयार

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सरकार ने गुर्जरों को फिर भेजा न्यौता, मसौदा किया तैयार
rajasthan government invites agitating gujjar for meeting
rajasthan government invites agitating gujjar  for meeting
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जयपुर। आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे गुर्जरों को सरकार ने जयपुर में आकर वार्ता करने के लिए फिर से न्यौता भेजा है,

हालांकि गुर्जर नेता कर्नल किरोंडी सिंह बैंसला ने इस न्यौते को भी खारिज कर दिया है और कहा है कि वार्ता बयाना में ही होगी, गुर्जर जयपुर नहीं जाएंगे। इस बीच सरकार ने गुर्जरों से वार्ता के लिए तीन बिंदुओं का मसौदा भी तैयार किया है।


सरकार ने गुर्जर नेताओं केा वार्ता के लिए सोमवार को सचिवालय में तीन बजे बुलाया था। गुर्जर नेताओं के तीन बजे सचिवालय में वार्ता के लिए नहीं पहुंचने के बाद अब सरकार ने नए सिरे से वार्ता का प्रस्ताव भेजा है।

गुर्जर नेताओं को नए सिरे से चिट्ठी भेजकर सहूलियत के हिसाब से जब चाहे तब जयपुर आकर वार्ता करने का प्रस्ताव दिया है। गुर्जर नेताओं को भेजी चिट्ठी में सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि सरकार वार्ता के लिए हरदम तैयार है, गुर्जर नेता अपनी सहूलियत के हिसाब से जयपुर आकर तीन मंत्रियों की कमेटी से वार्ता कर सकते हैं।

उधर सोमवार को तीन बजे गुर्जर नेता वार्ता के लिए सचिवालय नहीं पहुंचे। हालांकि मंत्री राजेंद्र राठौड, अरुण चतुर्वेदी और हेमसिंह भडाना तय वक्त पर तीन बजे सचिवालय के कमेटी रूम में पहुंच गए थे लेकिन कोई भी गुर्जर प्रतिनिधि वार्ता के लिए नहीं पहुंचा। अब नए सिरे से सरकार ने प्रस्ताव भेजा है।


सरकार के प्रस्ताव पर गुर्जर नेता कर्नल किरोडी सिंह बैसला ने कहा कि गुर्जर वार्ता करने जयपुर कभी नहीं जाएंगे। मीडिया से बातचीत में कर्नल बैसला ने कहा कि सरकार को वार्ता करनी है तो बयाना आए, वार्ता से समाधान नहीं निकला तो गुर्जर इसी तरह ट्रेक पर रहेंगे, चाहे आंदोलन अनिश्चित काल तक चलता रहे।

 

बैसला ने कहा कि रेलवे ट्रैक और रोड जाम से आम जनता परेशान है, इसका हमे दुख है लेकिन जनता की परेशानी के लिए सरकार जिम्मेदार है।

आंदोलनकारियों पर मामले दर्ज करने पर बैंसला ने कहा कि सरकार जो चाहे धारा लगा सकती है, अपने हक के लिए मर मिटने के लिए तैयार है, 19 अप्रैल को गुर्जरों का प्रतिनिधि मंडल राजेंद्र राठौड़ से मिला था, राठौड़ ने हमारी बात पर ध्यान नहीं दिया।


गुर्जरों से वार्ता का मसौदा तैयार- सरकार ने गुर्जर नेताओं को नए सिरे से वार्ता का न्यौता भेजने के साथ ही बातचीत का मसौदा भी तैयार कर लिया है। सूत्रों के अनुसार गुर्जर नेताओं के साथ बातचीत के मसौदे में तीन बडे बिदुओं पर जोर दिया गया है। तीन सूत्री फार्मूले के जरिए गुर्जर नेताओं को मनाने की रणनीति पर काम चल रहा है।

ओबीसी के आरक्षण में से 4 प्रतिशत आरक्षण गुर्जरों को अलग से देने के मुद्दे विधि विशेषज्ञों ने भी यह राय दी है कि मामला कोर्ट में है इसलिए यह संभव नहीं है। सरकार गुर्जर नेताओं को विधिक राय के बारे में अवगत करवाकर मनाने का प्रयास करेगी।

 

दूसरा बिंदु गुर्जरों के आरक्षण की कोर्ट में प्रभावी तरीके से पैरवी करवाकर जल्द फैसला करवाने के विकल्प पर है। गुर्जर नेताओं से सरकार यह वादा कर सकती है कि अटॉर्नी जनरल और सुप्रीम कोर्ट के माने हुए वकीलों से पैरवी कराई जाए, और कोर्ट से जल्द फैसला करवाने की रणनीति पर चला जाए।


इसके साथ ही देवनाराण योजना का काम तेजी से आगे बढाने और देवनारायण बोर्ड का गठन कर मिशन मोड में गुर्जर बहुल इलाकों में विकास के काम कराने का वादा किया जा सकता है। सरकार के रणनीतिकारों का मानना है कि तीन सूत्री फार्मूले पर गुर्जर नेताओं को मनाने की कोशिश रंग ला सकती है।