ग्वालियर। अवाड़पुरा के इंदिरा नगर में कंपू ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष सादिक कुरैशी की हत्या उनकी पत्नी सज्जो ने कर दी और इसके बाद अपने बेटे और दामाद के साथ कंपू थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया।
सज्जो का कहना था कि उसकी शादी 25 साल हो गए थे लेकिन पति ने कभी उसे चैन से जीने नहीं दिया, वह तिल-तिलकर मर रही थी। 11 दिन पहले उसके साथ मारपीट की थी तब से वह अपने छोटे दामाद के घर रह रही थी।
जब वह इस झगड़े को सुलझाने के लिए गई थी तभी सादिक ने चाकू से हमला कर दिया। इसके बाद मुझे गुस्सा आया और मैंने पहले ईंट के दो वार किए और इसके बाद गला घोंट दिया। सज्जो के बयान के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और हत्या का मामला दर्ज कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बेटी-दामाद का झगड़ा सुलझाने गई थी?
कंपू थाना क्षेत्र के अवाड़पुरा में रहने वाले सादिक कुरैशी का उनकी पत्नी सज्जो से विवाद चल रहा था। 11 दिन पहले इनके बीच झगड़ा हुआ था। इसके बाद सज्जो पड़ोस में ही रहने वाले अपने सबसे छोटे दामाद इरशाद के घर रहने आ गई थी। इसके साथ ही उसके दो बेटे इमरान और अमन तथा एक बेटी फिरदौस भी यहीं पर रह रहे थे। दूसरे नंबर की बेटी फिरदौस का जेठ आया था,वह बेटी से बुरा भला कहने लगा। फिरदौस और उसके पति अकबर के बीच विवाद चल रहा था और सज्जो उसे सुलझाने की कोशिश कर रही थी।
इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या करना चाहिए, इसके लिए सलाह-मशविरा करने के लिए सज्जो रात लगभग 12 बजे अपने पति सादिक कुरैशी के घर पहुंची थी। वह चाहती थी कुछ ऐसा हो जाएगा कि बेटी-दामाद साथ रहें। पति से सलाह-मशविरा शुरू होता उससे पहले ही पति ने इनके साथ गाली-गालौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी और हाथ में चाकू मार दिया। सज्जो के मुताबिक पति के इस व्यवहार से उसके सब्र का बांध टूट गया, उसने नजदीक पड़ी ईंट उठाकर सिर पर दो बार प्रहार किया। जब सादिक बेहोश हो गया तो दुपट्टे से गला घोंट दिया।
जिंदगी भर तिल-तिल मारा, उसे मैने मार दिया
हर रोज मारता था, बच्चों का जीवन खराब किया, मैंने उसे मार दिया तो क्या बुरा किया। सादिक से पच्चीस साल पहले शादी हुई थी। उस समय रिश्तेदारों ने कहा भी था कि यह आदमी ठीक नहीं है शादी मत करो। लेकिन फिर भी शादी हो गई। शादी के बाद कुछ दिन तो उसने ठीक रखा और इसके बाद हर रोज की मारपीट शुरू हो गई। उसके बाद तीन बेटियां और दो बेटे पैदा हुए। इसके बाद भी उसका व्यवहार खराब रहा।
रोज-रोज की कलह की वजह से बच्चे भी नहीं पढ़ पाए। जब यह घर से निकाल देता था तो बच्चों सहित रिश्तेदारों के यहां आसरा लेती थी। ग्यारह दिन पहले भी झगड़ा हुआ था इसके बाद पड़ोस में रहने वाले दामाद इरशाद के घर पर रहने आ गई थीं।
पति की लाश के पास दो घंटे बैठी रही
सज्जो ने बताया कि रात 12 बजे सादिक के पास पहुंच गई थी। यहां पर बेटी और दामाद का झगड़ा सुलझाने के लिए बातचीत शुरू की थी तभी सादिक ने उसके साथ गाली-गलौज शुरू कर दिया और चाकू हाथ में मारा। तब मैने उसकी हत्या कर दी,और लगभग दो घंटे तक लाश के पास बैठी रही। रात लगभग तीन बजे यहां पर दामाद इरशाद और बेटा अमन घर पहुंचे। उन्हें देखकर मैंने कहा कि इसे मैंने मार दिया अब मुझे थाने ले चलो। इसके बाद यह दोनों बाइक पर बैठाकर मुझे थाने ले आए।