नई दिल्ली। पीएम बनने के बाद नरेन्द्र मोदी की सकल संपत्ति में करीब एक चौथाई की कमी आई है। प्रधानमंत्री के संपत्ति ब्योरे में यह बात सामने आई है। पीएमओ की वेबसाइट पर प्रधानमंत्री तथा उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों की संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी अपलोड की गई।…
वेबसाइट के अनुसार मोदी की संपत्ति चार माह के दौरान करीब 40 लाख रूपए कम हुई है। मोदी ने इस साल अप्रेल में हुए आम चुनाव में उत्तर प्रदेश केवाराणसी और गुजरात के बडोदरा से चुनाव लड़ा था और दोनों संसदीय क्षेत्रों में विजयी हुए थे। बाद में उन्होंने बडोदरा सीट छोड़ दी थी।
वाराणसी में लोकसभा चुनाव के लिए मोदी ने नामांकन दाखिल करते हुए अपने संपत्ति ब्योरे में करीब एक करोड़ 66 लाख रूपए की संपत्ति दर्शाई थी। नवीनतम ब्योरे के मुताबिक इस साल 18 अगस्त को मोदी की कुल संपत्ति एक करोड़ 26 लाख रूपए रह गई। इस प्रकार अप्रेल की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति करीब 40 लाख रूपए घट गई।
मोदी की संपत्ति के घटने की मुख्य वजह छोटी बच्चियों के कल्याण के लिए दिया गया दान है। गुजरात के मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के समय मोदी ने वहां काम कर रहे ड्राइवरों और चपरासियों की बच्चियों के कल्याणर्थ 21 लाख रूपए दान दिए। इसके अलावा अप्रेल में नामांकन के समय दिए शपथपत्र में 32.48 लाख रूपए की सावधि जमा दिखाई गई थी जो अब 17 लाख रूपए की ही रह गई है।
जेटली सबसे अमीर मंत्री
प्रधानमंत्री की कैबिनेट में वित्त और रक्षा मंत्री अरूण जेटली 72.10 करोड़ रूपए की कुल संपत्ति के साथ सबसे अमीर मंत्री है। शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू के पास सबसे कम 20.45 लाख रूपए की संपत्ति है। इसके अलावा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान, इस्पात खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्घन और उर्वरक एवं रसायन मंत्री अनंतकुमार भी ऎसे मंत्री हैं जिनकी संपत्ति एक करोड़ रूपए से कम है।