मुंबई। महानगर की पारिवारिक अदालत ने पत्नी की भुलक्कड़ प्रवृत्ति व अच्छा खाना न बना पाने की कमी को आधार बनाकर तलाक मांगनेवाले पति की याचिका खारिज कर दी।
पति पेशे से चार्टेड अकाउंटेंट है। कोर्ट ने पति की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने बच्चे के लिए गुजारे भत्ते के रूप में सात हजार रुपए देने का निर्देश दिया। हालांकि न्यायाधीश ने पत्नी को गुजाराभत्ता देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह कमाने की क्षमता रखती है।
याचिका में पति ने दावा किया था कि उसकी पत्नी तीखा व ज्यादा नमकवाला खाना बनाती है। इसके साथ ही घरेलू कामकाज में कोई मदद नहीं करती है। यह एक तरह की क्रूरता है।
याचिका में पति ने कहा था कि उसकी शादी को पांच साल हो गए हैं फिर भी उसकी पत्नी घर का पता भूल जाती है। इसके साथ ही ट्रेन से जिस स्टेशन में उतरना होता है उसके बजाय दूसरे स्टेशन पर उतर जाती है।
वह पूरी तरह से लापरवाह है। कई बार तो वह स्टोव, मिक्सर व गिजर का बटन बंद करना तक भूल जाती है। वह इतनी लापरवाह है कि कपड़े बदलते समय उसे परदा लगाना व खिडक़ी बंद करना भी याद नहीं रहता। एक बार वह कार्यालय से घर आते समय मलाड की बजाय कांदिवली में उतर गई।