मेरठ। 2008 के चर्चित जेई प्रेमवीर और उनकी पत्नी संतोष सिंह हत्याकांड में अदालत ने बेटी प्रियंका और उसकी सहेली अंजू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस फैसले को सुनने के लिए अदालत के बाहर लोगों की भीड़ जमा थी।
मेडिकल थाना क्षेत्र की प्रेम प्रयास काॅलोनी में रहने वाले रिटायर्ड अवर अभियंता प्रेमवीर और उनकी पत्नी संतोष सिंह की 11 नवंबर 2008 को घर में ही चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। यह मामला राष्ट्रीय स्तर तक भी उछला।
इस मामले में पुलिस ने प्रेमवीर की बेटी प्रियंका और उसकी सहेली अंजू पर शक जताते हुए पूछताछ की। उन दोनों के फरार होने के बाद पुलिस ने कड़ी मशक्कत करके प्रियंका और अंजू को 17 नवंबर 2008 को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद दोनों के खिलाफ जनवरी 2009 में चार्जशीट दाखिल की गई।
यह मामला जिला जज रामकिशन गौतम की अदालत में चल रहा था। 15 मई को जिला जज की अदालत में वादी और प्रतिवादी पक्ष के बीच बहस हुई थी। अदालत ने अगली तारीख 28 मई लगाई।
तभी से इस मामले में फैसला आने की उम्मीद जगी थी। गुरुवार को अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अपने माता-पिता की हत्या के आरोप में प्रियंका और उसकी सहेली अंजू को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
इस मामले में वादी पक्ष की ओर से कृष्ण पहल, जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल तोमर ने पैरवी की तो बचाव पक्ष की ओर से छोटेलाल बंसल ने पैरवी की।