मुंबई। साल 2005 से पहले जारी नोटों को बेरोकटोक बदलने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा दी गई मोहलत इस महीने की 30 तारीख को समाप्त हो जाएगी।
इसके बाद इन नोटों को बदलने के लिए उस बैंक में खाता होना या पहचान तथा आवास का प्रमाण देना जरूरी होगा। रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार सुरक्षा की दृष्ट से नियमित प्रक्रिया के तहत महात्मा गांधी सीरीज-2005 से पुराने नोट प्रचलन से वापस लिए जाने हैं।
उसका कहना है कि नए नोटों में बेहतर सुरक्षा प्रावधान हैं। पुराने नोटों पर छपाई का साल नहीं है जबकि नए नोटों पर पीछे तरफ नीचे मध्य भाग में छपाई का वर्ष लिखा होता है।
केंद्रीय बैंक ने इन नोटों को बदलने के लिए पहले 31 मार्च 2014 तक का समय दिया था। बाद में इसे बढ़ाकर पहले 1 जनवरी 2015 और फिर 30 जून 2015 किया गया।
आम लोग 30 जून तक किसी भी बैंक की किसी भी शाखा में जाकर पुराने नोट बदल सकते हैं, जबकि निश्चित अवधि के बाद 500 रुपए या हजार रुपए के 10 से ज्यादा नोट बदलने के लिए बैंक में उनका खाता होना या पहचान और आवास का प्रमाण देना जरूरी होगा।
लोग चाहें तो इन नोटों के बदले नकद ले सकते हैं या अपने बैंक खाते में पैसे जमा करा सकते हैं। आरबीआई का कहना है कि वर्तमान में परिचालन में मौजूद पुराने नोटों की संख्या काफी कम है और इसलिए इन्हें वापस लिए जाने से जनजीवन पर कोई खास असर नहीं होगा।
हालांकि, ये नोट पूरी तरह वैध बने रहेंगे। साथ ही उसने सभी वाणिज्यिक बैंकों को से भी यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि एटीएम तथा नकद काउंटरों पर भी ये नोट ग्राहकों को न दिए जाएं।