दिल्ली। मैगी के विराम को अब विराम लग जाएगा। देश में फूड सेफ्टी एण्ड सिक्योरिटी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को मैगी को अपना उत्पादन रोकने को कहा है।
इतना ही नहीं उसके उत्पाद को निर्यात करने को भी मना किया है। वहीं नेस्ले के ग्लोबल सीईओ पॉल बुल्के ने भी पत्रकार वार्ता करके बाजार से मैगी हटा लेने की घोषणा की है। इससे अब भारत में मैगी उत्पाद अगले आदेश तक नहीं बन पाएगा और न ही यह बाजार में दिखेगा।
मिले 9 हानिकारक वेरिएंट
फूड सेफ्टी एण्ड स्टैण्डर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने मैगी में ऐसे नौ वेरिएंट पाए हैं जो मानव जीवन के लिए खतरनाक हैं। इसके लिए उसने नेस्ले को मेगी के उत्पादन, निर्यात और बिक्री पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं मैगी के ओट नूडल्स मसाला को भी उत्पाद की स्वीकृति और रिस्क फैक्टर के बाजार में उतारा है। इसे भी बाजार से उठाने के निर्देश जारी किए हैं। मैगी में पाए गए एमएसजी पर तीन सप्ताह में रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं।
सिंगापोर में भी बैन
इधर, भारत में मैगी के मसाले में निर्धारित मात्रा से ज्यादा लेड तथा एमएसजी की उपस्थिति के विवाद के बाद सिंगापुर ने भारत से वहां आने वाली मैगी पर रोक लगा दी है। इधर ब्रिटेन ने भी अपने यहां पर मैगी की जांच करवाने का निर्णय किया है।
बुल्के ने कहा मैगी सुरक्षित
इधर, मैगी के विवाद के बाद शुक्रवार को नेस्ले के ग्लेबल सीईओ पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि भारत में मैगी पर तीस सालों से विश्वास जताया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने जो सेम्पल चैक किए हैं उनमें लैड नहीं मिला और एमएसजी भी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि इस विवाद से उपभोक्ताओं में मैगी के प्रति विश्वास को धक्का लगा है, इसे देखते हुए वह बाजार से मैगी हटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह पूर्ण विश्वास के साथ फिर से मैगी को भारत में उतारेंगे और उपभोक्ताओं को विश्वास फिर पाएंगे।
सोमैया ने जताई साजिश की आशंका
इधर, भाजपा नेता किरीट सोमैया के सुर मैगी के पक्ष में नजर आए। उन्होंने केन्द्रीय खाद्य मंत्री को पत्र लिखकर मैगी के इस विवाद के पीछे किसी साजिश की आशंका होवे तो इसकी भी जांच करवाने की मांग की है। इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नेस्ले के अधिकारियेां ने स्पष्ट किया वे किसी साजिश के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं।
टेस्ट प्रोसेस सार्वजनिक करने की मांग
इन विवादों के बीच जहां राज्य सरकारों की लेबोरेट्री में मैगी में नियम मात्रा से ज्यादा लैड मिलने और एमएसजी मिलने की रिपोर्टें आ रही है तो मैगी अपने उत्पादों को सही बता रहा है। ऐसे में जंक फूड पर काम करने वाले एक्टीविस्टों ने राज्य सरकारों तथा नेस्ले इंडिया को उनकी जांच के प्रोसेस को सार्वजनिक करने की आवश्यकता जताई है। उनका मानना है कि ऐसा करने से यह पता चल जाएगा कि आखिर दोनों की रिपोर्टें अलग क्यों आ रही हैं।