नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय की रोक के बावजूद दिल्ली सरकार द्वारा बलात्कार पीड़िताओं के लिए फिर से जारी किए गए टू फिंगर टेस्ट पर बचे घमासान के संबंध में दिल्ली पुलिस खुद को इससे बेखबर बता रही है।
पुलिस के आला अधिकारी इस संबंध में पूछे गए सवालों से बचते नजर आ रहे है। वहीं जब दिल्ली पुलिस प्रवक्ता राजन भगत से सर्कुलर के संबंध में पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्हें इस तरह का कोई सर्कुलर नहीं मिला है।
टू फिंगर टेस्ट को ‘पीवी टेस्ट’ भी कहा जाता है। बलात्कार मामलों की पुष्टी करने में यह प्रक्रिया अपनाई जाती है।
उल्लेखनीय है कि दो साल पहले सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि फिंगर टेस्ट एक तरह से पीड़िता के साथ दोबारा बलात्कार जैसा है।
दिल्ली सरकार ने लगाया टू फिंगर टेस्ट पर प्रतिबंध
दिल्ली सरकार ने सोमवार को अपने एक अहम फैसले में यौन उत्पीड़न मामले में टू फिंगर टेस्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में यौन उत्पीड़न मामलों में टू फिंगर टेस्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
हालांकि चिकित्सिक मामलों एंव किसी बिमारी के इलाज में अगर जरूरत पड़े तो यह टेस्ट किया जा सकता है। उन्होंने साफ किया कि टू फिंगर टेस्ट किसी उद्देश्य से या पीड़ित महिला सेक्सुअल अभ्यस्त है या नहीं यह जानने के लिए नही किया जाना चाहिए।
संवादाताओं को सम्मबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं के लेए सवेंदनशील है। हमने यौन उत्पीड़न की जांच के लिए कई दुसरे विकसित वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है।
जैन ने बताया कि पहले वाली अधिसूचना में स्पष्टीकरण की कमी थी तथा भ्रम की स्थिति बनी हुई थी जिसके चलते हमने नई अधिसूचना जारी की है जिसमें हमने सभी बिन्दुओं को स्पष्ट किया है ।