नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारतीय योग प्रशिक्षकों को वीसा देने से इनकार किए जाने पर पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया। योग प्रशिक्षकों को 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर पाकिस्तान में प्रस्तावित कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए जाना था।
स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान ने वीसा देेने से इन्कार करके अपनी ‘मानसिकता’ का परिचय दे दिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि उन्होंने हमारे प्रशिक्षकों को वीसा देने से इन्कार कर दिया है लेकिन भारतीय उच्चायोग में तय कार्यक्रम के अनुसार योग दिन मनाया जाएगा।
हमने आंतरिक प्रबंध कर लिए हैं। योग प्रशिक्षक को वीसा देने से इन्कार करने पर भारत द्वारा पाकिस्तान सरकार से कोई संपर्क किया गया था या नहीं, इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री ने कहा कि उसका कोई फायदा नहीं होता। हमें उनकी मानसिकता का पता चल गया। हमने अब अंदर ही इंतजाम कर लिए हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में स्वराज ने साफ किया कि योग किसी धर्म का नहीं बल्कि मानव जाति के कल्याण के लिए है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुझाव को जिन 177 देशों ने सह प्रस्तावक बन कर समर्थन दिया था, उनमें 47 मुस्लिम देश थे।
उन्होंने कहा कि योग दिवस के मौके पर कई मुस्लिम देशों के बड़े नेता भी भाग लेंगे। संवाददाता सम्मेलन में एक प्रश्न के उत्तर में आयुष मंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने कहा कि वह मानते हैं कि मुसलमानों के नमाज पढऩे की विधि में करीब नौ आसनों का प्रयोग होता है। इससे यह भी साबित होता है कि योग किसी एक धर्म का एकाधिकार नहीं है। यह सबके कल्याण का उपाय है।