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सिरोही। यह निश्चित हो गया है कि अब सिरेाही में नर्मदा नहीं आएगी इस मामले में फैलाए जा रहे भ्रम का जलदाय मंत्री ने सिरोही में आकर ही एक तरह से पटाक्षेप कर दिया है। अब समय आ गया है भविष्य के लिए पानी बचाने की कवायद का। इसके लिए सबसे जरूरी हो गया है जल निवेश करना।
जैसे भावी पीढी के लिए धन संचय किया जा रहा है, वैसे पेयजल की गुणवत्ता बढाने और भूजल स्तर बढाने के लिए सिरोही में पानी का फिक्स डिपोजिट करना जरूरी हो गया है। भू वैज्ञानिकों की मानें तो हम लोगों ने अपने पुरखों की ओर से संचित जलनिधि को आधा खतम कर दिया है और अपनी भावी पीढी के लिए जल संचय की कोई व्यवस्था नहीं की है।
जल निवेश करने के लिए ही रविवार को रेन वाटर हार्वेस्टिंग की कार्यशाला हुई। जिसमें उदयपुर के रेन वाटर हार्वेस्टिंग एक्सपर्ट डा पीसी जैन, प्रदीप चैबीसा और भू-जल विभाग के वैज्ञानिक खुशवंत मिस्त्री ने वर्षा जल को बचाने की आवश्यकता जताई। आदर्श चेरीटेबल फाउण्डेशन की ओर से सरकारी भवनो और सार्वजनिक जलस्रोतों को वर्षाजल से रिचार्ज करने का कार्य शुरू भी कर दिया गया है। जिसमें डा जैन के तकनीकी सहयोग से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है।
बताया किस तरह होगा रिचार्ज
आदर्श चेरीटेबल फाउण्डेशन के तत्वावधान में कोतवाली मार्ग स्थित आदर्श क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटीज में हुई इस वर्कशाॅप में डाॅ पीसी जैन ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन से बताया कि किस तरह तरह से घर की छतों से नालियों में बह जाने वाले वर्षाजल को हेण्डपम्प, कुएं, बावडियां आदि को रीचार्ज करने के काम में लिया जा सकता है।
प्रदीप चैबीसा ने बताया कि किस तरह से सिरोही की सभी बावडियों को इस बार होने वाली बारिश से रीचार्ज किया जा सकता है। इस दौरान सिरोही की चैदह बावडियों को रीचार्ज करने के लिए सिस्टम लगाने और उन बावडियों के आसपास के लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए संयोजक व सह संयोजक भी बनाए गए।
भू-जल वैज्ञानिक खुशवत मिस्त्री ने बताया कि किस तरह से पानी के अतिदोहन से सिरोही जिले में धरती की कोख खाली हो गई है। इस दौरान आदर्श चेरीटेबल फाउण्डेशन के मुकेश मोदी ने डाॅ जैन व चैबीसा को माला पहना कर अभिनन्दन किया।
रीचार्ज सिस्टम का अवलोकन किया
इसके बाद सभी लोगों ने जिला चिकित्सालय के महिला परिसर में नवनिर्मित धर्मशाला में लगे रीचार्ज सिस्टम का अवलोकन किया। इसी तरह से ट्रोमा सेंटर में लगे रीचार्ज सिस्टम में वाटर फिल्टर को देखा। यहां पर दो नलकूपों को छतों के पानी से रीचार्ज करने के लिए सिस्टम लगाया गया है।