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विज्ञापन बजट को लेकर दिल्ली सरकार कठघरे में - Sabguru News
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विज्ञापन बजट को लेकर दिल्ली सरकार कठघरे में

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विज्ञापन बजट को लेकर दिल्ली सरकार कठघरे में
Delhi government advertising budget amount unheard of , Prashant bhushan
Delhi government advertising budget amount unheard of , Prashant bhushan
Delhi government advertising budget amount unheard of , Prashant bhushan

नई दिल्ली। जाने माने वकील और आम आदमी पार्टी के संस्थापकों में से एक प्रशांत भूषण ने अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली दिल्ली सरकार के भारी भरकम विज्ञापन बजट की गुरुवार को कड़ी आलोचना की।

भूषण ने कहा कि उसके द्वारा चलाया जा रहा विज्ञापन अभियान सुप्रीमकोर्ट के आदेश का उल्लंघन ही नहीं, उसकी अवमानना भी है और इस मामले को जल्द ही शीर्ष न्यायालय के ध्यान में लाया जाएगा।

आप नेतृत्व के प्रखर आलोचक होने के कारण पार्टी से निष्कासित भूषण ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और प्रधानमंत्री को छोड़कर अन्य राजनीतिक नेताओं के फोटो छापने पर ही रोक नहीं लगाई है बल्कि राजनीतिक पार्टी के प्रचार के लिए सरकारी विज्ञापन और जनता के धन के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया है।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने जिस तरह से महंगा विज्ञापन अभियान शुरू किया है वह न्यायालय के आदेशों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन ही नहीं, उसकी अवमानना भी करता है। इन विज्ञापनों को ‘जो कहा, सो किया’ स्लोगन के साथ प्रचारित किया जा रहा है, जो पार्टी के चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करने के लिए उठाए गए कदमों का गुणगान है।

उन्होंने कहा कि अगर कोई यह सोचता है कि वह रेडियो के जरिये विज्ञापन चलाकर न्यायालय के आदेश से बच सकता है तो यह उसकी गलतफहमी है। अदालत का आदेश केवल फोटो युक्त विज्ञापन पर ही रोक नहीं लगाता है वरन वह जनता के पैसे से सरकार और पार्टी के प्रचार पर भी रोक लगाता है।

उन्होंने कहा कि इस मामले को जल्द ही उच्च्तम न्यायालय के ध्यान में लाया जाएगा कि किस तरह राजनीतिक दल उसके आदेश की मूल भावना का उल्लंघन कर रहे हैं। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने अपनी योजनाओं के प्रचार के लिए 2015-16 में 526 करोड़ 19 लाख रुपये का भारी भरकम बजट रखा है। यह राशि पिछले साल महज 24 करोड़ रुपए थी।

कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने विज्ञापनों के लिये भारी भरकम बजट के प्रावधान को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने विज्ञापन पर खर्च की जाने वाली राशि को लेकर दिल्ली सरकार की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस राशि से राजधानी के लोगों के भलाई के कई बड़े -बड़े काम किए जा सकते हैं।

मजेदार बात यह है कि दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई कार्रवाई के तहत सरकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए बड़े बड़े विज्ञापन दे रही है लेकिन इन पर कितना खर्च किया जा रहा है, उसका कोई हिसाब किताब सरकार के पास नहीं है। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि सरकार यह भी बताने से कतरा रही है कि इन विज्ञापनों पर कितना धन खर्च किया गया।

उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत इसकी जानकारी मांगी थी लेकिन दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने उत्तर में कहा कि उसके पास खर्च की गई रकम का कोई हिसाब किताब नहीं है।

खुराना ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि अपनी तीन चहेती कम्पनियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह किया गया है और इसी वजह से विज्ञापनों पर खर्च की जानकारी देने से सरकार बच रही है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि ये तीनों कम्पनियां वही हैं जिन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय आप पार्टी का चुनाव अभियान चलाया था।