जोधपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के एक छात्र ने पढ़ाई के दबाव से परेशान होकर रविवार दोपहर एम्स परिसर स्थित छात्रावास के कमरे में रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया।
गम्भीर हालत में उसे मथुरादास माथुर अस्पताल के ट्रोमा आईसीयू में वेंटिलेटर पर रख गया है। मगर इस छात्र की अस्पताल में मौत हो गई। शास्त्रीनगर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
थानाधिकारी आनंदसिंह राजपुरोहित के अनुसार जयपुर में फुलेरा थानान्तर्गत गादेड़ी निवासी गजेन्द्रसिंह (19) एम्स जोधपुर में एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र था। रविवार सुबह करीब ग्यारह बजे जब वह छात्रावास के कमरे में अकेला था, तब उसने कमरा अंदर से बंद किया और सूत की रस्सी से फंदा बना पंखे पर लटक गया।
कुछ देर बाद सहपाठी वहां आया लेकिन कमरे में से कोई जवाब नहीं आया। वहां लगे कांच की खिडक़ी से अंदर देखने पर गजेन्द्र फंदे पर लटका दिखाई दिया। छात्रावास प्रशासन की मदद से किसी तरह कमरे का दरवाजा खोला गया। तब तक उसकी सांसें चल रही थी।
रस्सी काटकर उसे नीचे उतारा गया और एम्स में जांच के बाद उसे बेहोशी की हालत में एमडीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर ले जाया गया। जांच के बाद उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। हालत गम्भीर होने पर उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था, मगर इसकी मौत हो गई।
यह लिखा था सुसाइड नोट में: गजेन्द्र के कमरे की तलाशी में पुलिस को कागज पर लिखा नोट मिला, जिसमें उसने लिखा है, कोई भी व्यक्ति यह सलाह नहीं देता है कि एमबीबीएस छोड़ दो। सभी यह कहते हैं कि एमबीबीएस रटने की पढ़ाई है, जिसे रट लो।
मैं रटने में सक्षम नहीं हूं। मुझसे एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं रटी जा रही है। मन करता है कि जीना छोड़ दूं। मैं अब यह पढ़ाई नहीं कर सकता। इसलिए अपनी जान दे रहा हूं। इसके लिए उसने किसी को दोषी नहीं ठहराया।