दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर के बाढ पीड़ितों के साथ ईद मनाएंगे। मोदी इस दौरान बाढ़ प्रभावितों के साथ किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए एक बड़े राहत पैकेज की घोषणा भी कर सकते है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बारे में अंतिम पुष्टि तो नहीं की है, लेकिन पीएमओ द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गई सूचना के मुताबिक 17 जुलाई की तिथि प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी सातवीं बार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आ रहे हैं। गत वर्ष पीएम मोदी ने दिवाली पर पीडि़तों के आग्रह पर राहत राशि को सीधे उनके बैंक खातों में भेजने की घोषणा की थी।
जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार के सत्तासीन होने के बाद पहली बार कश्मीर आ रहे प्रधानमंत्री स्थानीय लोगों की उम्मीदों के अनुरूप और गत माह जारी किए पैकेज से ज्यादा का एलान कर सकते है।
वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे का घाटी में विरोध शुरु हो गया है। ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के मुखिया मुहम्मद यासीन मलिक ने कहा कि वह यहां सिर्फ संघ के एजेंडे को आगे बढ़ाने और कश्मीरियों के जख्मों पर नमक छिड़कने आ रहे हैं।
सिर्फ उनके एजेंट ही उनका स्वागत करेंगे, आम कश्मीरियों को उनके दौरे से कोई सरोकार नहीं है। उस दिन हड़ताल होगी।
प्रधानमंत्री मोदी 17 जुलाई को अपनी जम्मू-कश्मीर यात्रा के दौरान प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में एक दिवंगत गिरधारी लाल डोगरा की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में भी शामिल हो सकते हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली दिवंगत कांग्रेस नेता के दामाद हैं और वह अक्सर उनकी बरसी पर आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होते हैं।
नरेंद्र मोदी के दौरे की तैयारियों से जुटे मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि मोदी पवित्र गुफा में जाएंगे, लेकिन उनका यह कार्यक्रम अभी तय नहीं है।
इसके अलावा मौसम भी तय करेगा कि समुद्रतल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा के लिए प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर उड़े या नहीं।