पटना। पटना के मेयर अफजल इमाम की कुर्सी गुरुवार को अंतत: चली गई। स्थानीय श्रीकृष्णापुरी सामुदायिक भवन में हुई बैठक में मेयर अफजल इमाम के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। इसमें मेयर के खिलाफ 38 वोट पड़े जबकि उनके पक्ष में मात्र चार वोट पड़े, उसे भी अवैध घोषित कर दिया गया।
मतदान में 30 पार्षदों ने हिस्सा नहीं लिया। बैठक की अध्यक्षता उप महापौर रूप नारायण ने किया। इस बार अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष व विपक्ष में एक-एक पार्षद को बोलने की अनुमति दी गई। मेयर के समर्थन में वार्ड-22 के पार्षद संजीव कुमार और अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पूर्व उप महापौर विनय कुमार पप्पू ने अपनी बातें रखी।
मेयर अफजल इमाम ने अविश्वास प्रस्ताव में अपने ऊपर लगाए गए तमाम आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया और सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि देश के लोकतंत्र और संविधान को सलाम करते हैं।
बाद में पूर्व डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू ने कहा कि इस जीत के साथ पिछले पांच साल के नगर निगम के काले अध्याय का समापन हो गया। उन्होंने कहा कि जल्द ही नए मेयर के नाम पर सर्वसम्मत फैसला ले लिया जाएगा। तब तक नियमित काम प्रभारी मेयर के रूप में उप महापौर रूप नारायण देखेंगे।
गौरतलब है कि मेयर अफजल इमाम को विधायक अनंत सिंह का करीबी माना जाता है। पिछले वर्ष 26 जून को जब उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ था तब वह विजयी घोषित किए गए थे।
उस समय विरोधियों ने कहा था कि जनता दल यूनाइटेड के विधायक अनंत सिंह के कारण उनकी कुर्सी बची। इस बार खुद अनंत सिंह जेल में हैं। विरोधियों को पहले से ही भरोसा था कि इस बार अनंत फैक्टर काम नहीं करेगा।