नई दिल्ली। राधा की नगरी वृंदावन में पांच एकड़ क्षेत्र में 210 मीटर ऊंचा और 70 मंजिला मंदिर वृंदावन चंद्रोदय मंदिर बनाया जाएगा। इस मंदिर का निर्माण श्रीकृष्ण भकि्त के प्रचार प्रसार में लगी अमरीका की वैश्विक संस्थान इस्कान करेगी।…
इस गगनचुंबी मंंदिर परियोजना के केंद्र में भगवान श्रीकृष्ण का एक भव्य मंदिर स्थापित किया जाएगा। यह मंदिर प्रतिष्ठित वास्तुकला का केंद्र होगा, जहां भारतीय मंदिर वास्तुकला और आधुनिक वास्तुकला, दोनों कलाओं का अभूतपूर्व और बेजोड़ संगम प्रदर्शित होगा।
इस मंदिर को भारत के सबसे बड़े, भव्य और सबसे ऊंचे धार्मिक स्थल के रू प में जाना जाएगा। मंदिर करीब पांच एकड़ के क्षेत्र में स्थापित होगा, जिसकी ऊंचाई लगभग 700 फुट या 210 मीटर या 70 मंजिला होगी।
मंदिर परियोजना के उपाध्यक्ष भारत प्रभु ने बताया कि वृंदावन चंद्रोदय मंदिर के चारों ओर वृंदावन के हरे-भरे वन की तर्ज पर वन लगाए जाएंगे। म ंदिर परिसर करीब 26 एकड़ में फैला रहेगा और इसका खाका दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वास्तुविद् तैयार करेंगे। इसमें ब्रज के 12 वन क्षेत्र द्वादश कानन शामिल होंगे, जिसमें विभिन्न किस्म के पेड़ पौधे और हरे भरे चरागाह होगें।
पेड़ पौधों का चयन इस प्रकार किया जाएगा जो पक्षियों के अनुकूल हो। इनके अलावा साफ जल वाले तालाब, जिनमें कमल और लिली के फूल उगाए जाएंगे। कृत्रिमरू प से तैयार की गई पहाडियों में से गिरते झरने बनाए जाएंगे। यह सारी व्यवस्था श्रीमद् भागवतगीता और भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े दूसरे साहित्य में दिए गए विवरण के अनुसार होगी।
मंदिर परिसर यमुना के किनारे होगा जहां नौका विहार का अवसर होगा। परिसर में ही एक संग्रहालय भी बनाया जाएगा। विरासत को संजोए हुए श्रीकृष्ण संग्रहालय के माध्यम से श्रीकृष्ण के कलात्मक उत्सवों का भारत की विभिन्न संस्कृतियों के आधार पर प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मंदिर के निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। भूतल से एक लिफ्ट मंदिर के मध्य से होकर गुजरेगी जिसमें आगंतुकों के लिए त्रिआयामी ध्वनि और प्रकाश के माध्यम से वैदिक साहित्य को प्रदर्शित किया जाएगा। यह लिफ्ट अंत में आगंतुकों को म ंदिर के शीर्ष पर ले जाएगी, जहां से वे ब्रज मंडल के लुभावने मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकेंगे।