मुंबई। महाराष्ट्र में 15 अक्तूबर को होने वाला विधान सभा का चुनाव सोमवार शाम छह बजे समाप्त हो गया। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतिम दिन समय समाप्त होने के पहले तीन रैलियों को संबोधित किया।…
महाराष्ट्र में कुल 8.33 करोड़ जनता अपने मतों का उपयोग करेगी। कुल 288 विधान सभा सीट के लिए चुनाव लड़ रहे 4 हजार उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला उम्मीदवार 15 अक्तूबर को करेंगे। कुल चार हजार में से 1356 उम्मीदवार मुख्य पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं।
कुल 8.33 करोड मतदाताओं में से 44036401 मतदाता पपुरूष हैं और 39363011 महिला मतदाता हैं। महाराष्ट्र में यदि कुछ छोटी पार्टियों बी बात छोड़ दें तो इस बार किसी भी बड़ी पार्टी के बीच चुनावी गठबंधन नहीं हुआ है इसलिए सभी चुनाव क्षेत्र में विभिन्न कोणीय चुनावी लड़ाई चल रही है। किसी भी चुनाव क्षेत्र में दो पार्टी के बीच सीधे टक्कर नहीं दिख रही।
महाराष्ट्र में विशेषरूप से भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के बीच घमासान हो रहा है लेकिन समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी तथा वामपंथी दल भी मैदान में डटे हुए हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में अपने स्टार प्रचारकों को उतारा है।
भाजपा के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अन्य दल आलोचना कर रहे हैं कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं इसलिए उन्हें केन्द्र में अधिक ध्यान देना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महाराष्ट्र में अब तक 24 रैलियों को संबोधित कर चुके हैं जबकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 4 और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी छह चुनावी रैलियों को संबोधित किया है।
गांधी परिवार के अलावा कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे और नारायण राणे भी कांग्रेस के उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। राकांपा की प्रचार की कमान शरद पवार के परिवार के हाथ में है। शरद पवार के अलावा महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और उनकी पुत्री और सांसद सुप्रिया सुले प्रचार में जुटी हुई हैं।
शिव सेना की कमान उद्धव ठाकरे और उनके पुत्र आदित्य ठाकरे के हाथ मे है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे अकेले अपनी पार्टी का चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस राज्य में तीसरी बार सत्ता में आने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के पक्ष में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने प्रचार किया। इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उनके पुत्र और उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने चुनाव प्रचार किया। हालांकि केन्द्र में अकाली दल राजग सरकार का हिस्सा है लेकिन हरियाणा में वह भाजपा के खिलाफ है।
दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने नई दिल्ली की तिहाड जेल में आत्मसमर्पण किया। इसके अलावा भाजपा से अलग हुई हरियाणा जनहित कांग्रेस के लिए पार्टी अध्यक्ष कुलदीप बिश्नोई ने प्रचार किया।
15 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए आगामी19 अव्टूबर को मतगणना होगी। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार राज्य की 13वीं विधानसभा के लिए आमने सामने का मुकाबला सत्तारूढ कांग्रेस और इनेलो के बीच होगा। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपने दम पर और बिना किसी दूसरी पार्टी से गठबंधन किए चुनाव लड़ रही हैं।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी चुनावों में 87 सीटों के लिए अपने उम्मीदवार उतारें हैं। इसके साथ ही दो वाम दलों भारतीय क म्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने क्रमश: 17 और 14 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। पंजीकृत स्थानीय पार्टियों के 297 और 603 निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।