लंदन। बर्मिंघम विश्वविद्यालय में रखे गए एक प्राचीन पाण्डुलिपि की पहचान दुनिया के सबसे पुराने पवित्र कुरान के टुकड़े के रूप में हुई है। यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा कि रेडियोकार्बन डेटिंग विश्लेषण के मुताबिक, कुरान का टुकड़ा 568 से 645 ईसा पूर्व का है।
यह जांच ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की एक प्रयोगशाला में की गई, जिसके मुताबिक यह पाण्डुलिपी पैगंबर मोहम्मद के काल (570-632 ईसा पूर्व) की है।
बर्मिंघम विश्वविद्यालय में स्पेशल कलेक्शन (कैडबरी रिसर्च लाइब्रेरी) के निदेशक सुसान वोराल ने कहा कि रेडियोकार्बन डेटिंग से चौंकाने वाला खुलासा सामने आया, जिसके मुताबिक यह कुरान शुरुआत में लिखी गई प्रतियों में से एक है।
वोरल ने कहा कि इस बात को लेकर हम बेहद रोमांचित हैं कि इस तरह का महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज यहां बर्मिंघम में है, जो सांस्कृतिक तौर पर ब्रिटेन का सबसे विविधता वाला शहर है।
चर्मपत्र की दो पत्तियों पर लिखी गई कुरान की पाण्डुलिपि में 18-20 सुरस (अध्याय) का हिस्सा है, जो स्याही से अरबी लिपि में लिखा गया है, जिसे हिजाजी कहा जाता है।