कोच्चि। चिकित्सकों ने यहां एक ऑटोरिक्शा चालक के दिल का प्रत्यारोपण कर उसे एक नई जिंदगी दी। मरीज के स्वास्थ्य में लगातार सुधार आ रहा है।
सर्जरी को कार्डियो थोरेसिक सर्जन जोस चाको पेरियापुरम ने अंजाम दिया, जो अपने दल के साथ शुक्रवार दोपहर विमान से तिरुवनंतपुरम पहुंचे, जहां उन्होंने दानकर्ता ब्रेन डेड नीलाकंद शर्मा का दिल ऑपरेशन कर बाहर निकाला और उसे लेकर कोच्चि पहुंचे।
मुख्यमंत्री ओमन चांडी के कार्यालय ने कहा कि दिल को भारतीय नौसेना की सहायता से यहां लाया गया। पेरियापुरम ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि यह एक बहादुरी भरा प्रयास था, क्योंकि हमें बेहद कम समय में इस ऑपरेशन को अंजाम देना था। उन्होंने कहा कि दिल को बाहर निकालने के बाद उसे प्रत्यारोपित करने के लिए हमारे पास केवल चार घंटे का समय था। उन्होंने इसका श्रेय कर्मचारियों को भी दिया।
मरीज ए.मैथ्यू (46) अब वेंटिलेटर पर हैं। अब तक सब ठीक है। उन्होंने कहा कि शनिवार सुबह चार बजे मरीज को होश आ गया, जिसके बाद उसे दवाइयां दी गईं। उसपर लगातार निगरानी रखी जा रही है। वह अब ठीक है।
सर्जरी शुक्रवार रात आठ बजे शुरू हुई, जिसका पहला चरण रात दस बजे तक खत्म हो गया। तीन घंटे 48 मिनट के बाद शर्मा का दिल मैथ्यू के शरीर में धड़कने लगा।
इस बीच दिल दान करने वाले वकील शर्मा का शव तिरुवनंतपुरम अदालत की इमारत में ले जाया गया, जहां सैकड़ों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके एक संबंधी ने कहा कि उनके दिल को दान करने का फैसला उनकी पत्नी ने लिया, जिनकी वजह से यह प्रत्यारोपण संभव हो सका। दिल के अलावा उनकी आंखें तथा किडनी भी दान कर दी गई।
प्रत्यारोपण की समस्त प्रक्रिया केरल सरकार के अंग दान कार्यक्रम का एक हिस्सा थी। मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने पलक्कड़ में कहा कि ‘हमने साबित कर दिखाया है कि हम ऐसा काम कर सकते हैं। यह पूरी तरह एक टीम वर्क का परिणाम था।