भोपाल। मध्यप्रदेश की खंडवा जेल को तोड़कर करीब दो साल पहले फरार हुए सिमी के चार आतंकवादियों पर नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने दस-दस लाख रुपए का इनाम घोषित किया है।
दरअसल, इन चारों पर देशभर में विभिन्न आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप है और इनकी देश के कई राज्यों की पुलिस के साथ-साथ एनआईए को भी तलाश है। बताया जाता है कि बिजनौर बम विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेसी बीते साल से इनकी तलाश कर रही है, जबकि मध्यप्रदेश पुलिस भी इनकी तलाश में बीते दो वर्षों से जुटी हुई है।
उल्लेखनीय है कि एक अक्टूबर 2013 को सिमी के छह आतंकवादी खंडवा जेल की सलाखें तोड़कर भाग निकले थे। अमजद खान, जाकिर, सालिक व शेख महबूब नामक इन सिमी आतंकियों के साथ जेल से भागे अबु फैजल को पकड़ लिया गया था, जो फिलहाल भोपाल की जेल में बंद है, जबकि एक अन्य आतंकी को तेलंगाना में पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया था।
फिलहाल एनआईए को अमजद, जाकिर, सालिक व शेक की तलाश और इन चारों पर 10-10 लाख का इनाम घोषित किया गया है। खंडवा के रहने वाले इन चारों आतंकवादियों की तलाश में जुटी एनआईए को कुछ दिनों पहले इनकी लोकेशन की जानकारी मिली थी कि ये चारों दक्षिणी राज्यों में सक्रिय हैं।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक घर में बम बनाने के दौरान हुए विस्फोट में सिमी के इन्हीं आतंकियों का हाथ बताया गया था। विस्फोट के बाद यूपी एटीएस और आईबी की टीम सक्रिय इनकी तलाश में सक्रिय थी, वहीं एनआईए ने भी मामले की जांच की थी, जिसमें आतंकियों के कमरे से मिले आईडी व सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की शिनाख्त खंडवा जेल से भागे आतंकी एजाजुद्दीन, असलम अय्यूब, जाकिर बदरुल, अमजद रमजान, मेहबूब और सलीक के रूप में की गई थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक चारों की तलाश में अन्य राज्यों की पुलिस के साथ भी संपर्क रखा जा रहा है। अमजद खान, जाकिर, सालिक व शेख महबूब नामक इन सिमी आतंकियों के साथ जेल से दो अन्य आतंकी भी भागे थे, इनमें से एक अबु फैजल पकड़े जाने के बाद भोपाल जेल में है और एक अन्य तेलंगाना में पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है।
एनआईए के मुताबिक पुणे बम ब्लास्ट, चैन्नाई ट्रेन ब्लास्ट, करीमनगर बैंक डकैती तथा गत वर्ष के बेंगलुरु बम ब्लास्ट में भी चारों की भूमिका संदिग्ध है। मप्र पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि मेहबूब उर्फ गुड्डु खंडवा का मूल निवासी है, उसका परिवार भी यहां रहता है, खंडवा पुलिस इन पर बारीकी से नजर रखती है। बाकी तीनों अन्य स्थानों से आकर यहां बस गए थे। इनके तलाश लगातार जारी है।
ऐसे भागे थे खंडवा जेल से
सिमी के छह कुख्यात आतंकी अमजद पिता रमजान, डॉक्टर अबू फैजल, जाकिर पिता बदरुल, एजाजुद्दीन, असलम और मेहबूब उर्फ गुड्डू को प्रदेश की विभिन्न जेलों से पेशी पर खंडवा जेल लाया गया था। सभी आरोपी एटीएफ जवान सीताराम यादव हत्याकांड में शामिल थे।
इस मामले की ट्रायल पूरी हो चुकी थी और इस पर अंतिम फैसला होना था। रात में तीन बजे सभी छह सिमी आतंकी व फिरौती कांड में शामिल सजायाफ्ता कैदी आबिद मिर्जा शौचालय की खिड़की तोड़कर बाहर निकले और उसके बाद चादरों से रस्सी बनाकर सभी ने जेल की दीवार फांद ली।
जेल के बाहर निकलते ही सभी सातों आरोपियों का सामना गश्त कर रहे जेल प्रहरियों-लोकेश हिरवे, कुंदन मंडलोई, नरेन्द्र सोनी और होमगार्ड जवान सुरेश गुप्ता से हुआ। आमना-सामना होने पर हाथापाई के दौरान आरोपियों ने सिपाही लोकेश हिरवे और होमगार्ड जवान सुरेश तिवारी पर चाकुओं से हमला बोल दिया।
इनमें से लोकेश पर लगभग सात वार किए गए। इसके बाद अंधेरे का फायदा उठाकर सभी आरोपी वायरलेस सेट व रायफल लेकर भाग निकले। इनमें से आबिद को सुबह 7 बजे जेल के पीछे सर्वोदय कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि एक आतंकी को तेलंगाना में पुलिन ने एनकाउंटर में मार दिया था। बाकी सभी सिमी आतंकी फरार हैं।
मध्यप्रदेश के हैं चारों आतंकी
सिमी आतंकियों का मध्यप्रदेश में पूरा नेटवर्क सक्रिय है और एनआईए को खंडवा जेल से फरार इन चारों आतंकियों की तलाश है, वे खंडवा के रहने वाले हैं। चारों सिमी के संपर्क में थे और खंडवा में रहकर देशभर में विभिन्न आतंकी गतिविधियों को अंजाम तक पहुंचा रहे थे।
मध्यप्रदेश पुलिस ने इन चारों आतंकियों को मण्णपुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी में डकैती मामले में गिरफ्तार किया था, लेकिन 1 अक्टूबर 2013 को ये खंडवा जेल तोड़कर फरार हो गए थे। तभी से मध्यप्रदेश पुलिस के साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसियां भी इनकी तलाश में जुटी हुई है। बताया जाता है कि फिलहाल सिमी के ये चारों गुर्गें दक्षिण भारतीय राज्यों में सक्रिय होकर अपने नेटवर्क को बढ़ाने में जुटे हुए हैं।